मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच लोजपा अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने हाजीपुर में कहा कि मुख्यमंत्री श्री मांझी को उनके पद से हटाने से मतलब आग से खेलने जैसा होगा।  

 

श्री पासवान ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि श्री मांझी कोई फुटबॉल नहीं हैं, जो जिधर से चाहे एक किक लगा दे। तमाम दवाबों के बावजूद वे चट्टान की तरह अडे़ हैं। उन्होंने कहा कि श्री मांझी को हटाना उतना आसान नहीं, जितना उनके विरोधी समझ रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज जो कुर्सी पर है वो दलित या महादलित नहीं बल्कि राज्य का मुख्यमंत्री है, इसलिए पद की गरिमा रखा जाना जरूरी है।

लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बिहार संभवत: पहला राज्य हैं जहां के मुख्यमंत्री की बात उनके ही मंत्रिमंडल के सहयोगी नहीं मानते। उन्होंने कहा कि यदि वाकई में मुख्यमंत्री श्री मांझी को हटाने की जल्दी थी तो विधानसभा में प्रस्ताव लाकर मुकाबला करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा में प्रस्ताव लाया जाता तो विरोधियों को अपनी ताकत का अंदाजा मिल जाता।   केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि श्री मांझी दलित और महादलितों को जोड़ने का काम कर रहे है और वे इस मुद्दे पर उनके साथ हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपना भाई बताया।

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