मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नयी तकनीक के माध्यम से जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) में और पारदर्शिता लायी जानी चाहिए। श्री कुमार ने यहां राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नये राशन कार्ड एवं लक्षित पीडीएस के अन्तर्गत नई अनुज्ञप्ति के वितरण कार्यक्रम का उद्घाटन तथा 34 जिला आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन केन्द्रों के निर्माण कार्य का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास करने के बाद कहा कि नयी तकनीक के माध्यम से जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) में और पारदर्शिता लायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग लोगों की अपेक्षा के अनुरूप गंभीरतापूर्वक कार्य कर रहा है ताकि उन्हें समय पर अनाज मिल सके लेकिन अभी भी अनेक प्रकार की समस्यायें हैं।

पीडीएस की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने के लिए कूपन व्यवस्था शुरु की गई, जिसकी वजह से इसमें काफी पारदर्शिता आयी है और इसका जब सर्वेक्षण हुआ तो देश में बिहार के जन वितरण प्रणाली का स्थान तीसरा था। उन्होंने कहा कि उस समय खाद्य सुरक्षा कानून नहीं बना था। जब खाद्य सुरक्षा कानून बना तो उसमें कई प्रकार की कमियां थीं। विधेयक आने के बाद संसद की स्टैंडिंग कमिटी के सामने भी बिहार के अधिकारियों ने कई सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून आया तो शायद बिहार ही पहला राज्य बना, जहां फरवरी 2014 में इसे स्वीकार कर लागू कर दिया गया। कानून में प्रावधान के मुताबिक सर्वेक्षण कर 85 प्रतिशत ग्रामीण अंचल में और 74 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में राशन कार्ड का वितरण किया जाना है। जब यह कोशिश की गई अधिकारियों ने कहा कि अलग से सर्वेक्षण की बजाए जो सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना का आंकड़ा है, उसी को स्वीकार कर लेना चाहिए।

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