भारत के पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ ए पी जे कलाम की स्‍मृति में रामेश्‍वरम स्थित कलाम मेमोरियल में बनाई गई उनकी मूर्ति के पास भगवत गीता रखने से विवाद हो गया है. एमडीएमके और पीएमके ने इस पर आपत्ति जताई है.

नौकरशाही डेस्‍क

एमडीएमके के फाउंडर वाइको ने पहले ही इस मूर्ति के पास गीता रखने पर सवाल उठाते पूछा कि कलाम की मूर्ति के पास गीता रखने की क्या वजह है, तो वहीं पीएमके की ओर से पूछा गया कि डॉ कलाम इस देश की पूरी जनता के राष्ट्रपति थे. तो फिर इस किताब को वहां क्यों रखा गया है?

हालांकि विवाद गहराने के बाद डॉ कलाम के परिजनों ने वहां उनकी मूर्ति के पास कुरान और बाइबल भी रख दिया और कहा कि डॉ. कलाम पूरे देश की जनता के लीडर थे. कोई भी ये नहीं चाहता है कि इस पर राजनीति हो. DRDO के अधिकारियों ने इस मेमोरियल को बनाने के लिए बड़ी मेहनत की है. कलाम की मूर्ति के पास भगवत गीता का स्कल्प्चर बनाने के पीछे उनकी कोई गलत मंशा नहीं थी.

उल्‍लेखनीय है कि कलाम मेमोरियल का उद्घाटन 27 जुलाई 2017 को नरेंद्र मोदी ने किया. 15 करोड़ की लागत से ये मेमोरियल कलाम के पैतृक गांव पैकराम्बु में बनाया गया है, जहां उन रॉकेट्स और मिसाइल की रेप्लिका रखी गई है, जिन पर डॉ. कलाम ने काम किया था.

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