महाराष्ट्र में भाजपा सरकार बनने के चार महीने के भीतर गोमांस खाने पर लगाये गये प्रतिबंध को मुम्बई हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. अब लोग पहले की तरह जी भर कर गोमांस का सेवन कर सकते हैं.cow

गौरतलब है कि भाजपा की फडनवीस सरकार ने गोमांस खाने, रखने, गोहत्या करने पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध  भाजपा की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने पिछले  वर्ष फरवरी में लगाया गया था. फडणवीस ने 31 अक्टूबर 2014 को सत्ता संभाली थी.

शुक्रवार को इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य में गोवंश हत्या पर प्रतिबंध जारी रहेगा लेकिन दूसरे राज्यों से बीफ़ आयात करने, अपने पास रखने और खाने पर से पाबंदी हटाई जाती है. मुंबई निवासी आरिफ़ कपाड़िया और मशहूर वकील हरीश जगतियानी ने सरकार द्वारा लाए गए कानून के उन प्रावधानों को अदालत में चुनौती दी थी जिनके तहत राज्य में बीफ़ रखना और खाना एक अपराध था.पशु संरक्षण (संशोधन) क़ानून राज्य में लागू किया था. 1976 में बने इस मूल क़ानून में पहले केवल गाय काटने पर ही प्रतिबंध था लेकिन, सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए राज्य में गोमांस खाने और अपने पास रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

कपाड़िया और जगतियानी का कहना था कि इस तरह का प्रतिबंध सरासर ग़लत और मुंबई के बहु-सांस्कृतिक ढांचे के ख़िलाफ़ है, क्योंकि यहां हर धर्म और समाज के लोग रहते है जिनमें से कई गोमांस खाना चाहते हैं.सरकार के इस फैसले के बाद कई लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी. बॉलिउड के कई नामचीन हस्तियों समेत ऋषि कपूर ने भी इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई थी.

भारत में गोमांस खाने पर समाज का एक तबका अकसर नाराजगी जताता रहा है जिसके कारण कई बार गंभीर विवाद खड़े हुोते रहते हैं. पिछले वर्ष दादरी में गोमांस रखने की अफवाह उड़ा कर कुछ लोगों ने अकलाक नामक एक बुजर्ग की हत्या तक कर दी थी. लेकिन जांच में यह तथ्य सामने आया था कि अकलाक के घर में गोमांस था ही नहीं.
ताजा मामले में महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है.

By Editor