एक विशेष अदालत ने वरिष्ठ आईपीएस पीपी पांडेय को इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में 21 अगस्त तक हिरासत में भेज दिया है.

आईपीएस पीपी पांडेय
आईपीएस पीपी पांडेय

सीबीआई ने अदालत से पांडेय को 14 दिनों के रिमांड पर देने की अर्जी दी थी लेकिन अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एस खुतवाड ने सिर्फ चार दिन की हिसासत पर रखने को कहा.

फर्जी मुठभेड़ मामले में नाम आने के बाद पांडे काफी दिनों से फरार चल रहे थे.

सीबीआई के वकील ने दलील दी थी कि अमजद अली राणा और जीशान जौहर की असल पहचान सुनिश्चित करने के लिए पीपी पांडे से पूछताछ करना जरूरी है. ये दोनों मुठभेड़ के दौरान इशरत जहां के साथ थे.

पिछले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जब पांडे का बेल रिजेक्ट कर दिया तो उन्होंने सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था.

पांडेय 15 जून 2004 को अहमदाबाद में ज्वाइंट कमिशनर थे तभी यह मुठभेड़ हुआ था.

उस समय गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि मारे गये लोग आतंकवादी थे जबकि सीबीआई इस निस्कर्ष पर पहुंची थी कि यह फर्जी मुठभेड़ था.

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