शुक्रवार को कैग (सीएजी) ने  एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ी एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि टैक्स बचाने के लिए फिल्‍मी स्टार्स ने गलत तरीके अपनाए और नॉन-थियेट्रिकल राइट्स को थियेट्रिकल बताया गया. विदेश में शूटिंग के पैसे विदेश स्थित कंपनी से दिलवाए गए, फिर उसे एक्सपोर्ट दिखाकर टैक्स नहीं दिया गया. हद तो तब हो गई जब कैग की आपत्तियों के बावजूद वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि डिस्ट्रीब्यूशन और पब्लिसिटी खर्चे थियेट्रिकल राइट्स का ही हिस्सा हैं. हालांकि कैग ने मंत्रालय की इस दलील को खारिज कर दिया.

नौकरशाही डेस्‍क

कैग की ओर से जारी रिपोर्ट में नियम तोड़ने के 156 मामले सामने आए, जिनमें टैक्स, इंटरेस्ट या सेस नहीं चुकाया गया. फिल्‍म ‘ए दिल है मुश्किल’ की शूटिंग के लिए रणबीर कपूर को विदेशी कंपनी से 6.75 करोड़ रु. मिले, जिसे एक्सपोर्ट बताकर 83.43 लाख रु. सर्विस टैक्स देने से बच गए. वहीं, सोहैल खान प्रोडक्शंस, सलमान खान वेंचर्स, अरबाज खान प्रोडक्शंस, शाहरुख खान की रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शंस का भी जिक्र है. रिपोर्ट के अनुसार, 2012-13 से 2014-15 के दौरान डिस्ट्रीब्यूटरों ने 50.56 करोड़ रुपए की कमाई की, लेकिन इसे थियेट्रिकल राइट बताकर उन्होंने 6.21 करोड़ रुपए का टैक्स नहीं भरा.

उल्‍लेखनीय है कि थियेट्रिकल राइट्स पर टैक्स नहीं, लेकिन नॉन-थियेट्रिकल राइट्स पर टैक्स लगता है. वहीं, टैक्स विभाग का जवाब है कि जिस लोकेशन पर ज्यादा सेवा दी गई, वह विदेश में है. इसलिए सर्विस टैक्सेबल नहीं. जिस पर कैग ने कहा कि सेवा भारत में बन रही मूवी का अभिन्न हिस्सा है और इसका इस्तेमाल भारत की कंपनी ने किया है.

 

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