मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार पर राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य के विकास के लिए विशेष ध्यान देने की बजाए केन्द्र ने आर्थिक मदद में भी कटौती कर दी है।   श्री मांझी ने आज समस्तीपुर के बलिराम भगत महाविद्यालय परिसर में स्वंतत्रता सेनानी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलिराम भगत की मूर्ति अनावरण समारोह को संबोधित करतेहुए कहा कि बिहार में इंदिरा आवास, मनरेगा जैसे केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के तहत मिलने वाली धनराशि में भी केन्द्र ने भारी कटौती कर दी है। उन्होंने कहा कि बिहार को घोषित विशेष पैकेज भी अबतक नहीं दिया गया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र के उदासीन रवैये के बावजूद बिहार सरकार ने इस वर्ष चार हजार करोड़ रूपये का बजट बनाया है और अपने संसाधन से बिहार के र्सवांगीण विकास में लगी है। उन्होंने विरोधी दल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज जात, धर्म एवं साम्प्रदायिता के नाम पर समाज को तोड़ने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को नापाक इरादों को बिहार सरकार कभी बर्दास्त नहीं करेगी और उन्हेंकभी कामयाब नहीं होने देगी।मुख्यमंत्री ने समस्तीपुर में पशुपालन विद्यालय खोलने की घोषणा करते हुए राज्य के पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री वैद्यनाथ सहनी को कैबिनेट में इसका प्रस्ताव लाने को कहा।

 

कृषि विकास की चर्चा करते हुए श्री मांझी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुख्यमंत्रित्व काल में बनाया कृषि रोड मैप एक ठोस कदम है और इसके तहत कृषि विकास का काम हो रहा है। श्री मांझी ने नियोजित शिक्षकों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार इन शिक्षकों को हरसंभव सरकार मदद दे रही है, लेकिन इनका रास्ता सिर्फ आंदोलन ही है। उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को पेंशन योजना से जोड़ने की योजना सरकार बना रही है। दवा घोटाले के संर्दभ में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में कोताही बरतने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। इस मामले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है और आगे भी कार्रवाई की जायेगी।

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