बिहार के स्कूलों में साइकिल व पोशाक योजना पर कोहराम मचा है.कहीं छात्र और अभिभावक साइकिल की राशि नहीं मिलने पर सड़कों पर उतर रहे हैं तो कहीं आरोप लगाया जा रहा है कि वह राशि के बदले रिश्वत की मांग की जा रही है.

नालंदा से संजय कुमार की रिपोर्ट

राज्य सरकार छात्राओं के लिए साइकिल देने की योजना चाला रही है.पर इसके लिए यह शर्त रखी गई है कि साइकिल के लिए राशि उसी को दी जायेगी जिनकी उपस्थिति कम से कम 75 प्रतिशत हो.

बिहारशरीफ में शिक्षकों और छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच साइकिल के लिए हुई नोकझक नारेबाजी और आंदोनम में बदल गई.गुरुवार को भी राजकीय उच्च विद्यालय राणाबिगहा में साइकिल योजना की राशि से वंचित स्कूली छात्रों व अभिभावकों ने जमकर बवाल मचाया.स्कूली बच्चों ने बिहारशरीफ-राजगीर सड़क मार्ग को जाम कर दिया.बाद में दीपनगर थानाध्यक्ष धनंजय शर्मा दल बल के साथ पहुंचकर लोगों को समझा-बुझाकर जाम हटाया.

छात्रों का आरोप है कि उनके स्कूल के शिक्षक जानबूझ कर साइकिल नहीं देना चाहते.मोतिहारी में तो कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि उनसे साइकिल की राशि के बदले पैसा मांगा जा रहा है.
पिछले कुछ सालों से इस योजना में भारी हेराफेरी के आरोप भी लगे हैं. पिछले साल गया में एक जांच में पाया गया कि वहां के तीन सौ से अधक छात्रों ने दो-दो साइकलों की राशि प्राप्त कर ली.इसके बाद सरकार ने 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता के साथ हर छह महीने पर उपस्थिति की निगरानी करने का नियम बना दिया.

इधर बिहारशरीफ के राजकीय उच्च विद्यालय राणाबिगहा प्राचार्य ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार उन्हीं बच्चों को साइकिल की राशि प्रदान करनी है जिनका विद्यालय में 75 फीसद उपस्थिति दर्ज है।.
हालांकि छात्रों का आरोप है कि प्रधानाध्यापक जानबूझ कर बच्चों को अनुपस्थित बता दिया गया है.

कुल मिलाकर साइकिल योजना शिक्षकों के लिए जंजाल बन गई है. इसका असर पठनपाठन पर पड़ रहा है.

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