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– सीएम नितीश कुमार ने किया एलान.
– आधार से सभी लाभुकों के खाते जुड़ने के बाद ही स्पष्ट होगा कि कितने फर्जी कार्ड धारक हैं राज्य में
नौकरशाही ब्यूरो, पटना

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बिहार में जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) से जुड़े सभी लाभुकों को आधार कार्ड से जोड़ा जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पीडीएस में पारदर्शिता लाने के लिए ऐसा करना बेहद जरूरी है. इसका काम तेजी से चल रहा है. आधार नंबर से खातों को लिंक करने पर इसमें मौजूद फर्जी लाभुकों के नाम अपने आप बाहर हो जायेंगे. मुख्यमंत्री विधान परिषद में बुधवार को एक अल्पसूचित प्रश्न के जवाब के दौरान बोल रहे थे. उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से भी कहा कि वे लोगों को आधार कार्ड बनवाने और आधार नंबर को पीडीएस खातों से जोड़ने के लिए प्रेरित करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना के आधार पर ही पीडीएस सिस्टम में लाभुकों के चयन का काम हो रहा है. निजी एजेंसी ने सर्वे करके पीडीएस से जुड़नेवाले लाभुकों की लिस्ट तैयार की है. इसमें गड़बड़ी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. सभी लाभुकों के नाम आधार कार्ड से जुड़ने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि राज्य में फर्जी लाभुकों की संख्या कितनी है. उन्होंने कहा कि पीडीएस समेत अन्य योजनाओं में लाभुकों के आधार नंबर जोड़ने की मुहिम के पक्ष में बिहार सरकार है. इस मुहिम से ही सभी मायने में योजनावार सही लाभुकों की संख्या का पता चल पायेगा.
सभी पीडीएस दुकानों में लगेगी ईपीओएस 
भाजपा के मंगल पांडेय ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से इससे संबंधित प्रश्न पूछा था, जिसके जवाब में विभागीय मंत्री मदन सहनी ने कहा कि राज्य की जनवितरण प्रणाली दुकानों में इलेक्ट्राॅनिक प्वाइंट ऑफ सेल प्रणाली लगाने का प्रयोग नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड की 69 पीडीएस दुकानों में किया गया है. यह प्रयोग सफल रहा है. इसके बाद अब इसे जल्द ही राज्य की सभी राशन दुकानों में लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 41,725 पीडीएस दुकानें हैं, जबकि आबादी के हिसाब से 55, 312 दुकानों की जरूरत है. जल्द ही बची हुई दुकानें खोली जायेंगी. वर्ष 2011 में राज्य में आठ करोड़ 71 लाख लाभुक चिन्हित किये गये हैं, जिनमें आठ करोड़ लोगों के बीच चार लाख 57 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया जाता है.
अपात्र परिवारों को हटाने का आदेश दिया डीएम को
विभागीय मंत्री ने कहा कि राज्य में पीडीएस से जुड़े फर्जी या अपात्र परिवारों को हटाने के लिए सभी जिलों के डीएम को आदेश दिया गया है. संबंधित डीएम को अपने-अपने जिले में ऐसे लोगों को चिह्नित करके इन्हें सूची से हटाने का आदेश दिया गया है. इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. अब तक तीन हजार ऐसे परिवारों को सूची से हटाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि जो परिवार इसके लिए अपात्र पाये जाते हैं, उन्हें पहले नोटिस जारी करके अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है. इसके बाद जवाब संतोषजनक नहीं पाये जाने पर इन्हें सूची से हटाया जाता है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
– 8.71 करोड़ लाभुकों की संख्या है राज्य में
– 08 करोड़ लाभुकों के बीच अभी बांटी जाती है चार लाख 57 हजार मीटरिक टन खाद्यान्न
– 55,312 पीडीएस दुकानों की है जरूरत राज्य में, जबकि मौजूद हैं 41,725 दुकानें ही

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