केएस द्विवेदी को बिहार का डीजीपी बनाये जाने पर हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भागलपुर दंगों में द्विवेदी की भूमिका जगजाहिर रही है. उन्हें डीजीपी बना कर मुस्लिम समुदाय पर बड़ा बोझ डाल दिया गया है.

राजद महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा करने के लिए बुलाई गयी प्रेस कांफ्रेंस में बुधवार को मांझी ने कहा कि केएस द्विवेदी भागलपुर दंगों के दौरान एसपी रहते हुए दंगों को रोकने के बजाये उसके वाहक की भूमिका में थे. मांझी ने कहा कि द्विवेदी की जगह किसी दलित को डीजीपी बनाना चाहिए था. अनेक दलित आईपीएस अफसर लाइन में थे.

गौरतलब है कि द्विवेदी 1989 के भागलपुर दंगों के दौरान वहां के एसपी थे. इस दंगों की जांच करने वाले प्रसाद कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि उन्होंने साम्प्रदायिक पक्षपात किया था. याद रहे कि महीनों तक चले इस दंगे में एक हजार से ज्यादा लोगों की जान गयी थी जिनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के थे.

1984 बैच के आईपीएस अफसर केएस द्विवेदी आज यानी एक मार्च को डीजीपी पद संभाल लिया है. इससे पहले वह डीजी ट्रेनिंग के पद पर थे.

 

 

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