बिहार फाउंडेशन के अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में यह बात शिद्दत से महसूस की गयी कि बिहार में मानव संसाधन और आइडिया तो है पर इसके प्रबंधन पर जोर दिया जाये तो राज्य में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है.biar.foundation

फाउंडेशन के सऊदी अरब चैप्टर के चेयरमैन ने ओबैदुर्रहमान ने अपने अनुभवों को बताते हुए कहा कि कैसे उन्होंने बिहार की पचास से ज्यादा प्रतिभा को सऊदी अरब में रोजगार दिलायी और आज वे सारे युवा सऊदी अरब की इकोनॉमी में योगदान दे रहे हैं.

रहमान ने कहा कि राज्य में टेक्निकल ट्रेनिंग को बढ़ावा देकर हम यहां की प्रतिभा को न सिर्फ निखार सकते हैं बल्कि बिहार की इकोनॉमी में व्यापक बदलाव ला सकते हैं. रहमान सऊदी अरब में आईटी कंसलटेंट के बतौर बड़ी भूमिका निभाते हैं.

इस अवसर पर कतर से आये उमर हिजाजीन ने इस बात पर जोर दिया कि बिहार में टूरिज्म सैक्टर में असीम संभावनायें हैं. इसके लिए वह यहां काम करना चाहते हैं. उन्होंने भी बिहार में टेक्निकल ट्रेनिंग पर जोर दिया.

बदलाव की बयार

जबकि अमेरिका में आईटी सेक्टर में काम करने वाले रवि वर्मा ने कटिहार में अपने द्वारा शुरू किये गये फर्म और उसकी उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि कटिहार में बैठे हुए युवा कैलिफोर्निया के लिए आईटी सैक्टर में महत्वपूर्ण काम करके बिहार की इकोनामी को मजबूत बना रहे हैं. वर्मा पिछले दस वर्षों से कटिहार में काम कर रहे हैं और आज की तारीख में उनका कारोबार काफी लाभप्रद हो चुका है. वर्मा ने उम्नीद जतायी कि आने वाले कुछ वर्षों में कटिहार को बिहार का आईटी हब में विकसित करने में सफलता मिलेगी.

यूएसए के कारोबारी मून खान ने भी इस अवसर पर बिहार में निवेश की संभावनाओं पर अपने विचार रखे.

हालांकि विदेशों में काम कर रहे तमाम कारोबारियों की एक चिंता रही कि विभिन्न विभागों में काम करने वाले नौकरशाहों के अल्प समय में तबादला कर देने से उनके काम की प्रगित को बुहत नुकसान होता है. कारोबारियों ने कहा कि नया अफसर आ जाने के कारण उन्हें नये सिरे से बातों को आगे बढ़ाना पड़ता है जिसके कारण समय और रिसोर्स का भी काफी नुकसान होता है.

इससे पहले बिहार के मंत्री विजय चौधरी ने बिहार फाउंडेशन के कार्यक्रम ‘बिहार को जाने और जुड़े’ का उद्घाटन किया.

इस अवसर पर उद्योग मंत्री भीम सिंह ने अप्रवासी बिहारियों और बिहारी कारोबारियों को बताया कि बिहार सरकार जमीन हासिल करने पर उनके लिए 30 प्रतिशत सब्सिडी देगी और जमीन का मालिकाना हक हासिल करने पर उन्हें रजिस्ट्रेशन शुल्क भी माफ करेगी.

इससे पहले बिहार फाउंडेशन के सीईओ ने बिहार फाउंडेशन की भूमिका की चर्चा करते हुए बताया कि 2007 में फाउंडेशन शुरू होने के बाद आज इसके 9 देशों समेत भारत में 17 चैप्पटर शुरू हो गये हैं. बिहार फाउंडेशन अनिवासी बिहारियों को जोड़ने और बिहार में कारोबार करने में प्रोत्साहन और सहोयग की भूमिका निभाता है.

By Editor