भागलपुर के चर्चित दंगा मामले में तत्कालीन ग्रामीण एसपी शीलवर्धन सिंह समेत 126 अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है.राज्य सरकार ने शुक्रवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में दंगा जांच आयोग की जांच रिपोर्ट पेश कर दी. बीच गृह विभाग के प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिपोर्ट पेश की. Riot-bhagalpur-1989-c

 

शीलवर्धन सिंह 1989 में हुए इस दंगें के दौरान ग्रामीण एसपी थे और वर्तमान में ये केंद्र सरकार के आसूचना ब्यूरो में पदस्थापित हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को लिखा है.  इस दंगे में एक हजार लोगों की हत्या हुई थी उनमें 900 से ज्यादा मुसलमान थे.

 

रिपोर्ट पेश करने के बाद प्रभारी मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर सरकार कार्रवाई भी कर चुकी है. सरकार किसी चीज को न छिपाना चाहती है और नहीं किसी को बचाना चाहती है. न्यायमूर्ति एनएन सिंह जांच आयोग ने 28 फरवरी, 2015 को राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी.

 

कांग्रेस के शासनकाल में हुए इस दंगे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उस दौरान कई रोज तक दंगे हुए और सैकड़ों लोगों की हत्या की गयी. एक घटना में कुछ लोगों ने दर्जनों मुसलमानों की हत्या करके जमीनदज कर दिया गया और जमीन बराबर करके उसमें बैगन के पौधे लगा दिये गये.

 

 

रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने इस संबंध में एक्शन टेकेन रिपोर्ट भी जारी की है. एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) में कहा गया है कि राज्य सरकार ने आयोग की अनुसंशा को मानते हुए दो चरणों में कार्रवाई की है.

पहले चरण में दोषपूर्ण अनुसंधान व त्रुटिपूर्ण सुपरविजन के लिए दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बिहार के पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया गया है. वर्तमान में झारखंड व केंद्र में प्रतिनियुक्त दोषी पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह सचिव, झारखंड व गृह सचिव भारत सरकार को भी पत्र लिखा गया है.

सरकार ने आयोग की चार अन्य अनुसंशाओं को स्वीकार करते हुए दंगापीड़ितों द्वारा दबाव में आकर अपनी संपत्तियों को कम कीमत में बेचने की शिकायतों को दूर करने व भविष्य में इस तरह की सांप्रदायिक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए आयोग की अनुशंसाओं को क्रि यान्वित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. इसमें पुलिस महानिदेशक, गृह विभाग के प्रधान सचिव, विधि विभाग व राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव को सदस्य बनाया गया है.

भागलपुर दंगा फाइल फोटो

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