राजग गठबंधन में लोजपा, हम और रालोसपा के रुख भले नरम हो गये हों पर अब भाजपा में बगावत के हालात हैं सांसद छेदी पासवान ने तो नेतृत्व को ही धमकाना शुरू कर दिया है.

छेदी ने रामविलास को कहा वह पासवान के नेता नहीं
छेदी ने रामविलास को कहा वह पासवान के नेता नहीं

अरुण अशेष

घटकदलों के सुर थोड़े नरम हुए तो भाजपा में ही बगावत के स्वर उभर गए। भाजपा के सांसद छेदी पासवान ने यह कहकर कुशल प्रबंधन पर सवाल खड़ा कर दिया है-रामविलास पासवान कब अपनी बिरादरी के वोटों के ठेकेदार हो गए। असल में वह अपने परिवार से अधिक कभी किसी पासवान को कुछ नहीं दे पाए हैं।
अगर एनडीए इस वोट बैंक के मामले में उन पर निर्भर है तो उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। एक तरह से उन्होंने एनडीए को धमकाया भी है।छेदी पासवान 1985 में पहली बार विधायक बे। चार बार विधायक रहे। सांसदी का तीसरा टर्म है।

दो बार मंत्री रहे हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पराजित किया। एक विवाद जमुई जिले की चकाई सीट को लेकर भी है। भाजपा की ओर से एकबार घोषणा की गई कि सुमित उसके उम्मीदवार होंगे। लेकिन, रामविलास पासवान के अड़ने के चलते विवाद खत्म नहीं हुआ। इसे सलटाने के लिए नरेंद्र सिंह दिल्ली तलब किए गए हैं।

दैनिक भास्कर

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