राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से जेल में जाकर बिहार सरकार के मंत्री अब्दुल गफूर की मुलाकात पर हंगामा लगातार जारी है। इसी क्रम में बिहार विधान सभा में आज विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा। सदन शुरू होने से पहले विधान सभा परिसर में बीजेपी के विधायकों ने जेल में दरबार कांड पर हंगामा किया और अब्दुल गफ्फूर के बरखास्तगी की मांग की। उसके बाद जैसे ही सदन की कार्रवाई शुरू हुई, बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि सीवान जेलर पर सरकार ने गाज गिरायी लेकिन मंत्री अब्दुल गफूर को बचाने की कोशिश हो रही है।

 

 

इस मामले में जदयू नेताओं ने अपने आपको अब्दुल गफूर से अलग किया। श्याम रजक ने कहा कि  सीएम ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की है। जब सदन में यह मामला उठा तो मंत्री के बचाव में राजद के सदस्य आगे आ गये। राजद विधायक भाई विरेंद्र ने कहा कि मंत्री होने के नाते जेल में कभी भी जा सकते हैं गफूर। मामले में सरकार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी अब्दुल गफूर का बचाव किया और कहा कि दोषी जेलर पर सरकार ने कार्रवाई की लेकिन मंत्री के पास जेल में मोबाइल नहीं था।

 

जब सदन के अंदर प्रश्नकाल समाप्त हुआ और शून्यकाल शुरू हुआ उसके तुरंत बाद प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि सरकार अब्दुल गफूर को बरखास्त करे। इसपर विधान सभा अध्यक्ष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और कार्रवाई को जारी रखा। सदन में विरोधी दल के सभी सदस्य भड़क उठे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विधायकों ने अब्दुल गफूर को बरखास्त करो के नारे लगाते हुए वेल में जा पहुंचे। वहां पर उन्होंने शून्य काल के दौरान जमकर हंगामा किया।

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