मुख्यमंत्री मांझी रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए खुश भी दिखे और मजाकों को तीर भी चलाये. उन्होंने कहा क्या हम माला जपने के लिए राजनीति में हैं तो दूसरे पल कहा लोग मजाक को भी सीरियस ले लेते हैं. पढिये मांझी का मजाकिया लहजा

रिपोर्ट कार्ड , हंसी, मजाक और ठहाका भी
रिपोर्ट कार्ड , हंसी, मजाक और ठहाका भी

नौकरशाही ब्यूरो

बिहार में राज्‍य सत्‍ता के नौ वर्ष पूरे होने के मौके आज सीएम सचिवालय के सभागार में भव्‍य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें पुलिस व नागरिक प्रशासन के वरीय अधिकारियों के साथ बड़ी संख्‍या में पत्रकार भी मौजूद थे। वस्‍तुत: यह कार्यक्रम पत्रकारों के लिए था।

न्‍याय के साथ विकास के नौ वर्ष पर आधारित वार्षिक रिपोर्ट कार्ड के लोकार्पण करने के बाद पत्रकारों से चर्चा हो रही थी कि किसी पत्रकार ने सीएम से सवाल पूछा- आपने अपनी घोषणाओं में युवाओं के लिए कई आकर्षक बातें कही हैं, क्‍या यह वोट बैंक मजबूत करने के लिए है? प्रश्‍न छुटते ही सीएम ने कहा- क्‍या समझते हैं, हम राजनीति में माला जपने के आये हैं?

आज मुख्‍यमंत्री काफी खुश नजर आ रहे थे। होना स्‍वाभाविक ही था। उनकी सरकार के 29 मंत्रियों में से 26 मंत्री उनकी आगवानी के लिए मंच पर पहले से मौजूद थे। वित्‍त मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव व जलसंसाधन मंत्री अगल-बगल विराजमान थे। पूरा मंच मंत्रियों से भरा था।

अनुपस्थित मंत्रियों में बैजनाथ सहनी, श्रवण कुमार व जावेद इकबाल अंसारी शामिल थे (एकाध नाम में बदलाव संभावित है)। मंच पर मुख्‍य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्‍यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक प्रसाद, सचिव अतीश चंद्रा व संजय कुमार सिंह भी उपस्थित थे। सभा में लगभग सभी विभागों के प्रधान सचिव व सचिव, डीजीपी पीके ठाकुर समेत पुलिस के वरीय अधिकारी मौजूद थे। पटना के डीएम अभय कुमार सिंह और एसएसपी जितेंद्र राणा आगवानी में जुटे थे।

स्‍वीट मजाक

पत्रकारों के सवाल के जबाव में मुख्‍यमंत्री ने कहा कि आप लोग स्‍वीट मजाक भी नहीं समझते हैं। हमने केंद्रीय मंत्रियों को बिहार में नहीं घुसने देने की बात कही थी, वह स्‍वीट मजाक था। वे हमारे भाई हैं। हम उनसे कहेंगे कि बिहार के विकास में आप भी सहयोग करें। केंद्र से बिहार को अधिकाधिक मदद दिलवाएं। उनको भी पांच साल बाद जनता को जवाब देना होगा। यह बात उन्‍हें भी समझनी चाहिए।

कंट्रैक्‍ट पर सीएम की कुर्सी नहीं

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि उनका पद कंट्रैक्‍ट पर नहीं है। राजनीति में कोई पद कंट्रैक्‍ट पर नहीं होता है। परिस्थितियों के अनुसार, राजनीति का गणित बदलता रहता है, समीकरण बदलता है। इस पर बहुत कुछ निर्भर करता है। आज भी नीतीश कुमार सर्वमान्‍य नेता थे। चुनाव के बाद नीतीश कुमार हमारे विधायक दल के निर्विवाद नेता होंगे। लेकिन जब तक हमको काम करने का मौका मिला, तब तक निडर होकर काम करेंगे। उन्‍होंने कहा कि आइआइएम के लिए दो सौ एकड़ जमीन चाहिए। यह जमीन मगध विश्‍वविद्यालय देने के लिए तैयार है। वहां हवाई, सड़क और रेल तीनों प्रकार की यातायात सुविधाएं हैं। इसलिए भी गया के पक्ष में थे। सीएम ने कहा कि पटना के आसपास इतनी जमीन मिलेगी, तो पटना में भी खोलने पर विचार करेंगे। उन्‍होंने कहा कि केंद्र ने प्रस्‍ताव वापस लिया तो इसका विरोध किया जाएगा।

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