दलितधिकार और स्वाभिमान की खातिर अपनी कुर्सी दाव पर लगाने का दावा करने वाले जीतन मांझी ने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन तो कर दिया पर  उनकी इस जंग में एक भी दलित मंत्री शामिल नहीं है.

pic- the Hindu
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नौकरशाही डेस्क

हालत यह है कि उनकी इस लड़ाई में दलित तो दूर एक भी महादलित एमएलए ने उनका सात नहीं दिया. जबकि उनके स्वजातीय अरुण मांझी भी उनसे कन्नी काट गये. इतना ही नहीं अरुण मांझी ने तो नीतीश कुमार को वियक दल का नेता चुने जाने के लिए बाजाब्ता नीतीश कुमार के नाम का खुद ही प्रस्ताव रखा.

हालात यह भी है कि मांझी ने जिस भूमिहार समाज को अपने खिलाफ साजिश करने वाला बताया, उसी समाज के एक मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह उनके संकट मोचक के रूप में सामने आये. याद रखने की बात है कि नीरज कुमार सिंह, संजय सिंह और केसी त्यागी जैसे नेताओं को मांझी ने अपना निशाना बनाते हुए कहा कि खास लोग मिल कर एक महादलित मुख्यमंत्री को स्वीकार नहीं करना चाह रहे हैं.

गौरतलब है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जद यू ने जीतन राम मांझी को पार्टी से निकाल दिया है वहीं जीतन राम मांझी ने नीतीश के हामी मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटा दिया है. इसके बाद खाली पड़े मंत्रिपद को उन्होंने अपने सहयोगी मंत्रियों को अतिरिक्त प्रभार दिया.

मांझी के नये सहोयगियों की सामाजिक पृष्ठ भूमि और उनके अतिरिक्त विभाग की सूची यहां देखें.

 

जीतनराम मांझी- महा दलित : वित्त,वाणिज्य कर, भवन निर्माण, जल संसाधन, पर्यावरण एवं वन, स्वास्थ्य, गन्ना उद्योग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
नरेंद्रसिंह, कृषिमंत्री- राजपूत : अतिरिक्त प्रभार -खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध 
वृशिणपटेल, शिक्षामंत्री- कुर्मी: अतिरिक्त प्रभार- परिवहन, संसदीय कार्य 
भीमसिंह, उद्योगमंत्री- अतिपिछड़ा : अतिरिक्त प्रभार -ग्रामीण कार्य, पथ निर्माण 
शाहिदअली खां, विज्ञानएवं प्रावैद्यिकी- मुस्लिम : अतिरिक्त प्रभार -अल्पसंख्यक कल्याण, लघु जल संसाधन
नीतीशमिश्रा, ग्रामीणविकास मंत्री- ब्रह्मण: अतिरिक्त प्रभार – राजस्व एवं भूमि सुधार, पंचायती राज
विनयबिहारी, कला,संस्कृति मंत्री- राजपूत : अतिरिक्त प्रभार – सहकारिता, पर्यटन
सम्राटचौधरी, नगरविकास मंत्री- कुशवाहा : अतिरिक्त प्रभार – योजना एवं विकास, खान एवं भूतत्व
महाचंद्रप्रसाद सिंह, लोकस्वास्थ्य अभियंत्रण- भूमिहार : अतिरिक्त प्रभार – समाज कल्याण, श्रम संसाधन

By Editor