बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के पहले दिन आज दोनों सदनों की कार्यवाही दिवंगत नेताओं , शिक्षाविदों और बाढ़ में मरे लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी । बिहार विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही उप मुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वित्तीय वर्ष 2017-18 की प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी की प्रति सदन के पटल पर रखा । सदन में राज्यपाल की ओर से पूर्व में पारित विधेयकों की स्वीकृति दिये जाने की सूचना दी गयी ।

 

राज्यपाल ने दोनों सदनों से पारित आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन ) विधेयक 2016 की स्वीकृति दिये जाने के बजाय सदन से इसपर पुनर्विचार करने को कहा है । राज्यपाल ने पूर्व में पारित जिन विधेयको को स्वीकृति प्रदान की उनमें बिहार विनियोग विधेयक 2017, बिहार विनियोग (संख्या-2) विधेयक 2017, बिहार निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2017, बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2017, बिहार माल और सेवाकर विधेयक 2017 तथा पटना विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2017 शामिल हैं ।

 

वहीं बिहार विधान परिषद में उप सभापति हारूण रसीद के आसन ग्रहण करते ही राष्ट्रीय जनता दल के सदस्यों ने सृजन घोटाले का मामला उठाया और नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गये । राजद सदस्य ‘सृजन के दुर्जन इस्तीफा दो ,खजाना चोर गद्दी छोड़ों ’ का नारा लगाते रहे । शोरगुल के बीच ही पूर्व मुख्यमंत्री और राजद की वरिष्ठ नेता राबड़ी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले इस्तीफा करें उसके बाद इसकी केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करायें, नहीं तो सदन चलने नहीं देंगे ।

श्रीमती राबड़ी देवी ने कहा कि मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले से भी सृजन घोटाला बड़ा है । उन्होंने कहा कि सृजन घोटाले के एक अभियुक्त की मौत हो गयी है और व्यापम घोटाले में भी साक्ष्य को मिटाने के लिए इसी तरह की मौत होती रही है । उन्होंने आरोप लगाया कि सृजन घोटाले की जानकारी सरकार को पहले से ही थी लेकिन जानबूझ कर इसे दबाकर रखा गया । इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने वित्तीय वर्ष 2017-18 की प्रथम अनुपूरक व्यय-विवरणी की प्रति सदन के पटल पर रखा ।

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