मायावती के रिकार्ड की सुई रुक गयी है और उन्हें अपना स्क्रिप्ट रायटर बदल लेना चाहिए इसिलए कि वह उन्हें पुराने पन्ने ही बार-बार पढ़ने को देता है. सपा के प्रवक्ता ने ये बातें क्यों कहीं?mayawati

परवेज आलम, लखनऊ से

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि नए साल पर भी बसपा अध्यक्ष पुराना राग अलापना नहीं भूली। उनके रेकार्ड की सुई बस उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति राज की मांग पर आकर ही टिक जाती है। अपनी प्रेस कांफ्रेस में वे वही सब कहती रहीं जो पिछले कई वर्षो से दुहरा रही है। उनको कायदे से अब अपना स्क्रिप्ट रायटर बदल लेना चाहिए क्योंकि वह पुराने पन्ने ही उन्हें पढ़ने के लिए दे देता है।
बसपा अध्यक्ष को उत्तर प्रदेश में विकास कहीं नहीं दिखाई देता है। जमीनी हकीकत की पहचान उनकी अलग है क्योंकि उनके लिए विकास का अर्थ ज्यादा से ज्यादा कमीशन वसूली और हर काम में भ्रष्टाचार को संरक्षण देना ही है।

 

अपने पांच साल के कार्यकाल में उन्होने सिर्फ पार्क, स्मारक बनवाए और अपनी प्रतिमाएं लगवाई। गुण्डे, माफिया और असामाजिक तत्व नौकरशाहों से मिलकर सरकारी खजाने की लूट करते रहे। बसपा के मंत्री, विधायक हत्या, अपहरण और बलात्कार में संलिप्त रहे।
समझ में नहीं आता है कि बसपा अध्यक्ष को उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था में कहां गड़बड़ी दिखाई दे रही है। प्रदेश में कानून का राज है और असामाजिक तत्वों के प्रति कड़ाई बरती जाती है। मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव का अधिकारियों को कड़े निर्देश है कि किसी निर्दोष का उत्पीड़न न हो और अपराधियों को किसी कीमत पर छोड़ा न जाए। सांप्रदायिक तत्वों की हरकतों पर प्रशासन की पैनी निगाह रहती है और अब तक उनकी सभी साजिशें विफल हुई है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है।
बसपा सुप्रीमों को सैफई महोत्सव पर चिढ़ समझ में आती है क्योंकि कला, संस्कृति और साहित्य से उनका कोई वास्ता कभी नहीं रहा है। सैफई महोत्सव से लोककलाओं और लोक संस्कृति को प्रोत्साहन मिलता है और नई प्रतिभाओं को मंच मिलता है। वे जब गरीब और आम आदमी की बात करती है तो हंसी आती है क्योंकि उनके राज में तो उनका मुख्यमंत्री निवास की तरफ जाना भी प्रतिबंधित था।

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