बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने सभी कार्यकर्ताओं को आदेश दिए हैं कि वे उस रसोइये को ढूंढकर लाएं, जिसने शाह के भोजन बनाया था.mayawati

 

मायावती ने शंका जताई है कि जिस रसोइये ने शाह का खाना बनाया था, वह दलित नहीं था.

राजस्थान पत्रिका डॉट कॉम के अनुसार पार्टी के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. रामकुमार कुरील ने मायावती के इस आदेश की पुष्टि की है. कुरील ने कहा है कि इस बात का पता लगाया जा रहा है कि जोगियापुर में शाह के लिए किसने खाना पकाया था. कुरील के अनुसार शाह ने जहां लंच किया वहां ज्यादातर लोग भिंड समुदाय के हैं जो अति पिछड़ा वर्ग में आते हैं.

शाह के साथ केवल कुछ दलित थे, जिन्होंने खाना खाया. कुरील ने दावा किया कि शाह के साथ 250 लोग आए थे और केवल 50 लोगों ने ही भोजन किया। दलितों के साथ भोजन करके आप उनका राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं जो सरासर गलत है।

इससे पहले मायावती ने अमित शाह द्वारा दलित के घर में खाना खाने को ड्रामा बताया था और कहा था कि वोट के लिए वे यह सब कर रहे हैं. गौरतलब है कि खाना खाते हुए जिस फोटो में शाह नजर आ रहे थे वहा बोतलबंद मिनरल वाटर  रखा था. मतलब यह कि शाह ने खाना तो खाया पर पानी दलित के यहां का नहीं पिया.
आपको बता दें 31 मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने काशी के सेवापुरी ब्लॉक के जोगियापुर गांव में दलितों से साथ भोजन किया था। शाह ने जोगियापुर में गिरिजा प्रसाद बिंद और इकबाल बिंद के परिवार के साथ दोपहर का भोजन किया.

By Editor