मोदी सरकार के कुछ मंत्री आये दिन अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने में माहिर हैं. इसी क्रम में एक नाम केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का जुड़ गया, जिन्‍होंने किसानों की खुदकुशी व आंदोलन के मामले को मीडिया पब्लिसिटी स्‍टंट बताया दिया. उन्‍होंने कहा कि देश में करोड़ों किसान हैं और उसमें कुछ किसानों का प्रदर्शन मायने नहीं रखता. हालां‍कि वे मोदी सरकार के चार साल पर पत्रकारों से बात कर रहे थे, मगर उन्‍होंने यह विवादित बयान देकर विपक्ष को हमलावार होने का मौका दे दिया. 

नौकरशाही डेस्‍क

उन्‍होंने कहा कि मीडिया में बने रहने और उकसावे पर किसान आंदोलन और खुदकुशी कर रहे हैं. पेट्रोल,डीजल की बढ़ी कीमतों  से आम लोगों सहित किसानों को परेशानी के सवाल पर  कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इसको लेकर गंभीर है और इसके स्थायी समाधान का प्रयास कर रही है. मीडिया में आने के लिए कुछ किसान तरह- तरह के उपक्रम कर रहे हैं. उकसावे पर वे खुदकुशी भी कर लेते हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्र किसानों के मामले में गंभीर है. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा किसानों के हित को लेकर काम किया जा रहा है. मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में किसान बंद आंदोलन  शुरू हो गया है.  बिहार के विशेष राज्य की मांग के सवाल पर राधामोहन सिंह ने कहा कि 14वें वित्त आयोग ने बैठक में केंद्र और राज्य के बीच के मामले में राज्यों के कर का हिस्सा बढ़ा दिया था. ऐसे में अब 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट आने पर इसे देखा जायेगा.

 

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