जमीयत उलमा ए हिन्द के महासचिव एंव पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि अब लाठी, डन्डा, बन्दूक का जमाना चला गया है अब इल्म का जमाना है। मुस्लमान नौजवानो को तालीम को मिशन बनाकर आगामी 20 वर्ष तक सिर्फ तालीम पर ध्यान देना होगा तो आने वाले वक्त में देश उनके पाव धोकर पियेगाjamiat

रमेश सर्राफ झुंझुनू,राजस्थान

मदनी राजस्थान के झुंझुनू में जमीयत उलमा ए राजस्थान द्वारा आयोजित शेखावाटी सम्भाग स्तरीय मिल्लत कॉन्फ्रेस मे उपस्थित लोगो को सम्बोधित कर रहे थे।

बाइच्वायस इंडियन हैं मुसलमान

मदनी ने कहा कि जमीयत 1919 में अपनी स्थापना के वक्त से ही देश की आजादी कि मांग करती रही जबकि कॉग्रेस ने 1929 मे जाकर सम्पूर्ण आजादी की मांग की थी। उन्होने कहा कि 1947 में भारत के बटवारे का जमीयत उलमा ए हिन्द के मौलवियो ने प्रखर विरोध किया था। मुस्लमान इण्डियन बाई चान्स नही बल्कि बाई च्वाईश है। देश के बटावारे के वक्त भारत के मुसलमानों के पास भी धर्म आधारित देश पाकिस्तान में जाने का मौका था लेकिन यहा के वतन परस्त मुस्लमानो ने हिन्दुतान को ही अपनी मातृ भूमि मानकर यही रहने का फैसला
किया।

मदनी ने कहा कि हमे हमारे हिन्दुस्तान कि सर जमी से मोहब्बत है। कई मुल्को के जानवर भी यहा के लोगो से बेहतर जीवन यापन करते है। लेकिन मुझे उन मुल्को के फूलो में वो खुशबू नही आती जो यहा कि मिट्टी में आती है। हिन्दुस्तान के मुस्लमान को रहने के लिए यहां से अच्छी दुनिया में ओर कोई जगह नही है। उन्होने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में मुस्लमानो की जितनी संख्या है उसकी आधी भारत में है। दुनिया में जितनी मुस्लमानो कि सख्या है उसकी आधी भारतीय उपमहाद्वीप में है। इस तरह हिन्दुस्तान मे दुनिया के एक चौथाइ मुस्लमान रहते है।

जुल्म से नहीं दबेंगे

उन्होने कहा कि हिन्दुस्तान का मुसलमान इतनी बड़ी अकसरियत है जिसे जुल्म,नाईन्साफी, दमन ,अन्याय से कोई दबा लेने कि सोचता है तो वह गलत है।हिन्दुस्तानी मुसलमान पर अत्याचार अन्याय, भेद-भाव बंद करना होगा तब देश तरक्की कर पायेगा। यहा के मुस्लिम इसी देश की मिट्टी में पैदा हुये है। उन्होने कहा कि इस देश में इतनी भाषा, संस्कृति ,जाति, धर्म ,समुदाय है जो ओर किसी देश में नही मिलेगे। हमारे देश ने सब को अपने अन्दर समाया है। उन्होंने कहा कि हमको इस बात को अच्छी तरह समझना होगा कि हम कहा खड़े है ओर हमारे पड़ोसी कहा खड़े है। भारतीय मुस्लिम कि स्थिती दुनिया के अन्य देशो से कई गुणा अच्छी है।

उन्होने कहा कि भारत का मुस्लमान अंातकी नही हो सकता जो आंतकी है वह मुस्लमान नही है। उन्होने नौजवानो से आहवान किया कि वे आने वाले वक्त में तरक्की हासील करने के कड़ी महनत करे। आज के नौजवानो ने महनत करनी छोड़ दी है।

युवाओ को ईमानदारी के साथ कड़ी महनत करनी होगी तभी वो कामयाब होगे। मेहनत की वजह से ही नौजवानो को आगे बढऩे का मौका मिलेगा।

इस अवसर पर जमीयत उलमा ए राजस्थान के महासचिव मौलाना वाहीद खत्री ने कहा कि यह मुल्क पीरों फकीरों का है। दारूल उलूम ने सबसे पहले फतवा दिया था कि अंातकी मुस्लमान नही हो सकते है। बाहर से जो अातंकवादी आते है वह देश व इस्लाम के दुश्मन है।

उन्होने कहा कि सच्चर कमेटी कि सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिये। कंफ्रेस को मौलाना इब्राहीम खान, मौलाना असरूदीन खान सरदाहर शहर, कारी मोहम्मद अमीन, मोहम्मद उमर बाड़मेर व माकपा के पूर्व विधायक कामरेड अमरा राम ने भी सम्बोधित किया।

By Editor

Comments are closed.