बिहार सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र की अलग-अलग विधाओं में इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति राशि में 3000 रुपये तक की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है।  मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 


श्री मेहरोत्रा ने बताया कि छात्रवृत्ति में 3000 रुपये तक की बढ़ोतरी करने से एलोपैथ के इंटर्न की छात्रवृत्ति बढ़कर 15000 रुपये, आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथ की 15 हजार रुपये तथा फिजियोथेरेपी विद्या में इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बढ़कर 11 हजार रुपये पर पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति की राशि में बढ़ोतरी करने से राज्य सरकार को प्रतिवर्ष चार करोड़ 53 लाख 60 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना होगा।  प्रधान सचिव ने बताया कि मेडिकल इंटर्न की छात्रवृत्ति राशि में बढ़ोतरी 01 अप्रैल 2017 से लागू हो गई है। उन्होंने बताया कि राशि का पुनरीक्षण प्रत्येक तीन वर्ष पर किया जाएगा।

 

श्री मेहरोत्रा ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुकों की शिकायतों का त्वरित निवारण करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 40 की उपधारा (1) के तहत बिहार खाद्य सुरक्षा शिकायत निवारण नियमावली 2017 को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से इस अधिनियम के तहत एक मॉडल नियमावली आई है, जिसके आधार पर सरकार ने इस नियमावली को मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि नियमावली के तहत शिकायतों के निवारण के लिए प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर नोडल पदाधिकारी नामित किये जा सकेंगे।

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