जेएनयू में एडमिशन धांधली के खिलाफ छात्र दिलीप अमरण अनशन पर बैठे हैं. उनके पेशाब की नली से रक्तस्राव होने लगा है.जान को खतरा है. अजय आनंद पीएम मोदी को याद दिला रहे हैं कि साक्षात्कार के नाम पर धांधली खत्म करने का उन्होंने अपने मन की बात में वादा किया था पर उसे पूरा क्यों नहीं कर रहे हैं.obc.student.strike
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संभवतः एक वर्ष पहले मन की बात में कहा था, ‘इंटरव्यू में भेदभाव होता है ।चहुंओर भाई-भतीजावाद और जातिवाद का बोलबाला है इसलिए हमारी सरकार इस पर सोच रही है ।पहले चरण में एसएससी और ग्रूप-3 तक की परीक्षाओं में तत्काल प्रभाव से इंटरव्यू हटाएगी’
 फिर एसएससी और ग्रूप-3 जैसी परीक्षाओं में इंटरव्यू हटवाया भी गया था। अब आइये जेएनयू के मुद्दे पर । जैसा कि सबको विदित है उच्च शिक्षा में यह भेदभाव सबसे अधिक है । इसलिए यहाँ भी मौखिक परीक्षा का नंबर(30% से 15% करने के लिए ) को कम करने के लिए जेएनयू के छात्रों ने कुलपति के सामने एक प्रस्ताव रखा। कुलपति जी ने माँग मानना तो दूर इसके उलट 100% मौखिक- परीक्षा (पहले यह 70%(लिखित) और 30%(मौखिकी) का प्रचलन था) की घोषणा कर दी।
और आंदोलन कर रहे 12 छात्रों को तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय व हॉस्टल से निष्काषित कर दिया। जो बहुजन और अल्प संख्यक हैं। देश भर के विश्वविद्यालयों में हुए प्रदर्शनों और सोसल मीडिया के विरोध के कारण, दबाव में आकार जैसे- तैसे निलंबन वापस किया गया । लेकिन, प्रवेश परीक्षा में मौखिकी के 100% वाला फॉर्मूला जारी है ।
इसके विरोध में साथी Dileepआमरण अनशन कर बैठे हैं । उनकी हालत नाजुक हो गयी है । उनका वीपी 90 के आस-पास पहुँच गया है, पेशाब से ख़ून भी आ रहा है । उल्टी जारी है। डॉक्टर ने कहा है कि अब भी अनशन जारी रहा तो किडनी पर खतरा है। आप सब उनके लिए दुआ करें, उन्हें आपकी जरूरत है.
मेरा सवाल श्रीमोदी जी है से क्या इंटरव्यू के संदर्भ में दिया गया उनका बयान भी जुमला है? या वे मनमोहन सिंह से कमजोर प्रधानमंत्री हैं, जो खुद के वचन का भी लाज भी नहीं रख पाते हैं? मनमोहन को इतिहास एक छूट भी देगा कि वे वचन देते नहीं थे. पर मोदी जी तो खम ठोक के वचन देते हैं. हमें उनके वचन पूरा करने का इंतजार है.

By Editor