पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मो. शहाबुद्दीन से संबंधित 10 सवाल पूछे ।  श्री मोदी ने यहां बयान जारी कर कहा कि श्री कुमार ‘मनमोहन सिंह’ बनने और अपने प्रवक्ताओं से अपशब्द बोलवाने के बजाय उनके दस सवालों के तथ्यात्मक जवाब दें। उन्होंने कहा कि श्री कुमार बतायें कि सोमवार को मो. शहाबुद्दीन की जमानत की पैरवी सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रीय जनता दल के सांसद राम जेठमलानी करेंगे, तो क्या मुख्यमंत्री उनके मुकाबले के लिए सरकार की ओर से देश के सर्वश्रेष्ठ वकीलों के पैनल की सेवा लेंगे । susil

 
भाजपा नेता ने सवाल किया कि क्या सरकार मो. शहाबुद्दीन के तमाम मामलों की मॉनिटरिंग सर्वोच्च न्यायालय से कराने के लिए तैयार है । उन्होंने कहा कि श्री कुमार बतायें कि क्या सरकार मो. शहाबुद्दीन को बिहार से बाहर रखने एवं उसके सभी मामलों की सुनवाई बिहार से बाहर कराने के लिए तैयार है । श्री मोदी ने कहा कि श्री कुमार को बताना चाहिए कि कई संगीन मामलों में सजायफ्ता मो. शहाबुद्दीन जैसे आपराधिक रिकार्ड वाले को सरकार के सहयोगी राजद से निष्कासित कराने के लिए उन्होंने (श्री कुमार) अपने ‘बड़े भाई’ (लालू प्रसाद यादव) पर अब तक कोई दबाव क्यों नहीं बनाया ।
 

भाजपा नेता ने श्री कुमार से पूछा कि तीन वर्षों से मो. शहाबुद्दीन से जुड़े सभी मामलों की बंद ट्रायल को चालू कराने के लिए सरकार ने अब तक क्यों नहीं प्रयास किया और तेजाब कांड में गिरिश राज और सतीश राज की हत्या के आरोप में सजायफ्ता मो. शहाबुद्दीन को उच्च न्यायालय से मिली जमानत को छह महीना बाद भी सरकार ने चुनौती क्यों नहीं दी । उन्होंने कहा कि श्री कुमार बतायें कि राजीव रौशन हत्याकांड में अदालत के आदेश के बावजूद छह महीना बाद भी ट्रायल प्रारंभ क्यों नहीं हुआ जिसके परिणाम स्वरूप मो. शहाबुद्दीन को जमानत मिली।

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