मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश को ज्ञान की भूमि बताया और कहा कि उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के गौरवशाली अतीत को फिर से पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है। 

श्री कुमार ने  82 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय के भवन का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह ज्ञान की भूमि है, जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई चीजों को पुनर्जीवित किया है। यह देश का पहला अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय है और इस विश्वविद्यालय से लोगों की बहुत बड़ी अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि जो भवन बनेगा, उसकी बिल्डिंग की डिजाइन देखने लायक होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी यूनिवर्सिटी ऐसा काम करे कि दूसरे राज्यों के लोग यह कहने को विवश हों कि बिहार में जब यह विश्वविद्यालय चल सकता है तो मेरे यहाँ क्यों नहीं। लोग मौलाना मजहरुल हक साहब को हमेशा याद रखें और उन्हें ठीक से समझें।”

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