कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के बिहार मामलों के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विवादित राफेल सौदे से हुये करोड़ों रुपये के नुकसान के खिलाफ उनकी पार्टी 6 सितंबर से अगले दस दिन तक देश के सभी जिले में रैली निकालेगी।

श्री गोहिल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राफेल सौदे में हुआ भ्रष्टाचार न केवल चुनावी मुद्दा है बल्कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा विषय है। इसलिए, मोदी सरकार के विवादित राफेल सौदे से हुये करोड़ों रुपये के नुकसान के खिलाफ उनकी पार्टी 06 सितंबर से 15 सितंबर तक देश के सभी जिले में रैली निकालेगी। उन्होंने कहा कि इस भ्रष्टाचार से देश की जनता को अवगत कराने के लिए साधारण भाषा में तैयार किये गये पैम्प्लेट में खुलासा किया गया है कि कैसे मोदी सरकार ने हेलीकॉप्टर विनिर्माण का कोई तजुर्बा नहीं रखने वाली नई कंपनी अंबानी एयरोनॉटिक्स को करोड़ों रुपये के राफेल लड़ाकू विमान का ठेका दिलाकर जहां क्रॉनी पूंजीवाद को बढ़ावा दिया, वहीं देश को धोखा भी दिया है।

कांग्रेस नेता ने राफेल सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग करते हुये कहा कि रक्षा मंत्री रह चुके श्री अरुण जेटली अब भले ही इस सौदे से दूरी बना रहे हों लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुये हैं। यह समझ में आते ही श्री मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्री रहने के बजाय गोवा ऐसे छोटे राज्य का दुबारा मुख्यमंत्री बनना पसंद किया। अंतत: राजनीतिक दृष्टिकोण से अपरिपक्व श्रीमती निर्मला सीतारमण को देश का रक्षा मंत्री बनाया गया। उन्होंने कहा, “देश गवाह है कि मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय की जिम्मेवारी तीन अलग-अलग लोगों को सौंपी गई। उन्होंने कहा कि श्री जेटली को इस सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगने पर असंतोषजनक बयान देने की बजाय स्पष्ट रूप से जवाब देना चाहिए।

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