सरकार ने दूरसंचार एवं डिजिटल प्रौद्योगिकी में त्वरित गति से हो रहे बदलाव को अपनाने और इस क्षेत्र में 100 अरब डॉलर के निवेशक आकर्षित करने तथा 40 लाख लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य पर आधारित राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी) 2018 को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गयी। इससे पहले वर्ष 1999, वर्ष 2004 और वर्ष 2012 में दूरसंचार नीति बनायी गयी थी। अब प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलाव के मद्देनजर इस नीति का नाम भी बदल कर राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति कर दिया गया है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली और संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने यह जानकारी दी। श्री सिन्हा ने कहा कि इस नीति के कुछ उद्देश्य और कुछ मिशन है। इससे हर परिवार को ब्राडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराने, 40 लाख नये राेजगार के अवसर सृजित करने तथा दूरसंचार एवं डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 100 अरब डॉलर के निवेश आकर्षित करने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दूरसंचार क्षेत्र की योगदान 6 प्रतिशत है जिसके इस नीति के बल पर बढ़कर 8 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके साथ ही वैश्विक आईटीसी सूचकांक की वैश्विक सूची में भारत अभी 134 वें स्थान पर और इस नयी नीति से पांच वर्षाेें में भारत के 50वें स्थान पर आने की उम्मीद है।  श्री सिन्हा ने कहा कि इस नीति का व्यक्तिगत स्तर पर 50 एमबीपीएस और संस्थागत स्तर पर 100 एमबीपीएस के स्पीड पर ब्राडबैंड कनेक्शन प्रदान करना भी उद्देश्य है।

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