राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के पूर्णिया जिले में एक श्रमिक को मृत पत्नी को घर ले जाने के लिए अस्पताल द्वारा शव वाहन मुहैया नहीं कराने के मामले में राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है । मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इस श्रमिक की पत्नी की पूर्णिया सदर अस्पताल में दो जून को उपचार के दौरान मौत हो गयी थी। अस्पताल के कर्मचारियों ने श्रमिक से कहा कि वह अपनी पत्नी के शव को घर ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था करे।

आयोग के अनुसार जब इस व्यक्ति ने एंबुलेंस के ड्राईवर से बात की तो उसने ढाई हजार रूपये मांगे । इस पर यह व्यक्ति अपने बेटे की मदद से पत्नी के शव को मोटरसाइकिल पर ही घर ले गया। आयोग ने कहा है कि यह पहला मौका नहीं है कि जब देश में इस तरह की घटना हुई है। ऐसा लगता है कि अधिकारी इस तरह के मामलों से जुडी संवेदनाओं की परवाह नहीं करते। आयोग का कहना है कि यह व्यक्ति के सम्मान से जीने के अधिकार का उल्लंघन है।
चार जून की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल के सिविल सर्जन ने कहा है कि अस्पताल में शव ले जाने वाले वाहन की व्यवस्था नहीं है और सबको इसकी व्यवस्था स्वयं ही करनी पडती है । जिला मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं।

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