बिहार के गया जिले के शेरघाटी अनुमंडल के रौशनगंज थाना अंतर्गत उचला गांव के पास प्रतिबंधि माओपवादियों ने लैडमाइंस के सहारे पुलिस की एक जीप के परचक्खे उड़ा दिए इस घटना में 7 जवानों समेंत आठ लोगों की मौत हो गयी है.

विनायक विजेता

विस्फोट में जीप पर सवार सिवान के मुरी गांव निवासी एसआई प्रदुम्न राय, बीएमपी के एक हवलदार और पांच जवान, एक एसपीओ तथा रौशनगंज पंचायत की सरपंच मुजु देवी के ससुर रेश मिस्त्री की घटनास्थल पर ही मौत हो गई.

विस्फोट इतना तगड़ा था कि पुलिस जीप पर सवार सारे लोग और पुलिस के हथियारों के परचक्खे उड़ दूर-दूर तक छोटे-छोटे टूकड़ों में बिखर गए जिन्हें पहचानना भी मुश्किल हो रहा है.
शुक्रवार को दोपहर लगभग सवा एक बजे घटी इस घटना की सूचना पाते ही मगध रेंज के डीआईजी नैयर हसनैन खां, गया के एसएसपी विनय कुमार एवं शेरघाटी के डीएसपी राकेश कुमार सहित पुलिस के कई वरीय अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच स्थिति की समीक्षा की.

गया जिले में बीएमपी-11 की एक कंपनी फोर्स पिछले सात माह से वहां प्रतिनियुक्त थी जिस कंपनी का मुख्यालय जमुई में है. घटना की सूचना पाते ही बीएमपी-11 के कमांडेंट मुसर अहमद जमुई से शेरघाटी के लिए रवाना हो गए हैं.

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सली हमले में बीएमपी-11 के जो जवान शहीद हुए हैं उनमें हवलदार शिवमुनी राम, कांस्टेबल संख्या 66 सुभाष यादव, कांस्टेबल संख्या 231 राकेश कुमार, कांस्टेबल संख्या 37 धर्मेन्द्र कुमार व 180 अमित कुमार का नाम शामिल है, हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बताया जाता है कि सारे पुलिसकर्मी शुक्रवार को इस थाना क्षेत्र के बालासोत गांव में आंगनवाड़ी सेविका के चयन मामले में विधि-व्यवस्था कायम रखने के ख्याल से वहां गए थे जहां से लौटने के क्रम में वे नक्सलियों द्वारा बिछाए लैंड माइंस का शिकार हो गए.

मृतकों के नामों के बारे में अभी पुष्ट खबरे नहीं है.

By Editor