व्यापम तो नहीं पर इसका एक छोटा भाई आज कल छोटे शहरों में बहुत चल रहा है. मेट्रिक के बाद छोटे शहरों के बच्चे स्थानीय स्कूल या कॉलेज में एडमिशन ले कर खुद किसी बड़े शहर में चले जाते हैं आगे की शिक्षा के लिए.vyapam

फैसल सुलतान, सऊदी अरब से

कोचिंग लेने पर स्थानीय स्कूल या कॉलेज में उनकी हाजरी लगती रहती है. बच्चे को +2 का सर्टिफिकेट चाहिए वह मिल जाता है. स्कूल को फीस चाहिए वह मिल जाती है. प्राइवेट कोचिंग वालों को स्टूडेंट्स चाहियें वह मिल जाते हैं. बाकी तो जो है सो है.

जरूरी नहीं कि मध्यप्रदेश में हो रही हर मौत को ‘व्‍यापम’ से ही जोड़ा जाये। चलो मान लिया जाये कि 46 के 46 पूरे ‘व्‍यापम’ की मौत ना मरे हों। लेकिन ‘व्‍यापम’ की वजह से पिछले 15 सालों में लाखों-लाख रूपये देकर ‘अमीरजादे’ जितने भी डाक्‍टर बने हैं वो हर रोज कितनी हत्‍यायें कर रहे हैं इसका अंदाजा है किसी को?

पूरी की पूरी एक पीढ़ी तबाह हो चुकी है मध्यप्रदेश में। सीबीआई  जांच भी करा लोगे तो क्‍या हो जायेगा? केंद्र में बने मंत्रियों के भी नाम तो उस ‘एक्‍सल-सीट’ में है जो हाईकोर्ट के पास है।

वैसे सीबीआई जांच के लिये पहले फैसला किया गया होता तो  इतनी मौतें नहीं हुई होतीं। क्‍योंकि ठंडे बस्‍तें में डालना हो तो सीबीआई के सुपुर्द कर दो. कितनी फास्‍ट है सीबीआई? क्‍या है सीबीआई ? और किसका पालतू है ? देश का बच्‍चा-बच्‍चा जानता है। आप तो जानते ही होँगे कि हमारा देश और समाज असंख्य व्यापमों से भरा पड़ा है । ये तो महज एक संयोग है कि ये सार्वजनिक पटल पर आ गया वर्ना मध्य प्रदेश ही नहीँ पूरे देश का यही हाल है।

अलबत्ता इस से जुड़ी संदेहास्पद मौँतेँ विषय को गंभीरतम बना देती हैँ। क्या हमारे देश की जनता संवेदनशून्य है कि वो आंदोलित होने के बजाय ऐसे कुर्कम और कुर्कमियोँ को फलने फूलने का मौका देती है ? व्यापम से बड़ा ईमानदार कोई घोटाला नहीं हुआ। बेईमानी अगर है तो सिर्फ इसकी जांच में।

 

किसी ने सच कहा है यदि किसी से बदला लेना हो, तो उसके लड़के को बिगाड़ दो, ओर देश बर्बाद करना हो तो वहाँ के शिक्षकों को बिगाड़ दो। हमारे देश में यही हो रहा है। शिक्षकों के सम्मान व वेतन में कमी इन सभी समस्याओं के मूल कारण हैं। इस तरफ़ ध्यान देना ज़रूरी है।

By Editor