केन्‍द्र सरकार ने वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में पूर्व सचिव और भारतीय प्राशसनिक सेवा के सेवानिवृत्‍त अधिका‍री शक्तिकांत दास को भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्‍त किया है। उनकी नियुक्ति तीन वर्ष के लिए होगी। उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद यह पद खाली हुआ था।

नौकरशाही डेस्क

दास 1980 बैच के तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी हैं। वह वित्त आयोग के सदस्य रह चुके हैं। उनकी पहचान एक ऐसे नौकरशाह के तौर पर है जिन्होंने केन्द्र में तीन अलग अलग वित्त मंत्रियों के साथ सहजता के साथ काम किया। ऐसे में नॉर्थ ब्लॉक से लेकर मिंट स्ट्रीट तक की उनकी यात्रा को एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर देखा जा रहा है जो कि जटिल मुद्दों पर आम सहमति बनाने में विश्वास रखते हैं।

दास दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नात्कोत्तर हैं। वे अपने 37 वर्ष के लंबे कार्यकाल में  केंद्र और राज्य में ज्यादातर आर्थिक एवं वित्त विभागों में ही तैनात रहे।  पहले वह मोदी सरकार में कालेधन के खिलाफ उठाये गये कदमों में शामिल रहे और उसके बाद माल एवं सेवाकर को लागू करने में आम सहमति बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।

सितंबर 2015 में शक्तिकांत दास आर्थिक मामले विभाग में स्थानांतरित किये गये, जहां उन्होंने नोटबंदी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नोटबंदी के बड़े झटके के दौरान सरकार का बचाव करते हुये उन्होंने न केवल आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि अर्थव्यवस्था में 500 और 2,000 रुपये का नया नोट जारी करने और इसकी आपूर्ति बढ़ाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई।

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