मुस्लिम विरोध की अपनी छवि को पाटने के लिए आरएसएस समर्थकों ने मुसलमानों के लिए पैगाम टीवी शुरू करने का फैसला किया है.tv

समझा जाता है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही इस चैनल का प्रसारण शुरू हो जायेगा.

इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबरों में बताया गया है कि यह चैनल उर्दू में होगा और जी-सलाम की तर्ज पर काम करेगा.

मुसलमानों के राष्ट्रीय प्रवाह के जोड़ने का आरएसएस का प्रोग्राम पिछले सरसंघचालक सुदर्शन के कार्यकाल में शुरू किया गया था। इसके लिए संघ प्रचारक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ की स्थापना की गई थी. इसी मंच के संयोजक गिरीश जुयाल ने पैगाम टीवी की रूपरेखा बनाई है. जुयाल का कहना है कि उर्दू चैनल खोलने की योजना उनकी अपनी है. इससे आरएसएस या ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ का कोई लेनादेना नहीं है. जुयाल उर्दू अखबार ‘पैगाम मादरे वतन’ के संपादक भी हैं.

जुयाल ने इकोनॉमिक्स टाइम्स के पत्रकार अजमेर सिंह को बताय कि पैगाम टीवी इस्लामी देशों के घटनाक्रम प्रेक्षकों के सामने रखेगा और मुसलमानों को इस्लाम की सही सीख देगा

पर सवाल यह है कि क्या मुसलमान इस बात को स्वीकार करेंगे कि मुस्लिम विरोध और इस्लाम का दुष्प्रचार करने वाला आरएसएस मुसलमानों को इस्लाम की शिक्षा देगा.

हालांकि आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने स्पष्ट किया है कि पैगाम चैनल से संघ का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, संघ किसी चैनल को पैसे नहीं देता.’मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’, यह संघ के हितचिंतकों की स्वतंत्र संस्था है. पर माना जा रहा है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इसके लिए फंड देगा जो आरएसएस की इकाई है.

By Editor

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