विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने और धर्मांतरण तथा सत्तारूढ दल के सांसदों के विवादित बयानों को लेकर हंगामे के बीच 22 दिन तक लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चलने के साथ ही संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया। लेकिन बीमा विधेयक और लोकपाल संबंधी विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित नहीं हो सके।

 

लोकसभा में आधे घंटे तक प्रश्नकाल चलने के बाद 12 बजे अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गयी, जबकि विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हुआ लेकिन दोपहर एक बजे राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली विधि (विशेष उपबंध) दूसरा संशोधन विधेयक 2014 पारित कराने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी।      ससंदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडु ने इस विधेयक का जब जवाब दिया तो सदन ने ध्वनि मत से इसे पारित कर दिया। इसके बाद सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।

 

बाईस बैठकों के दौरान राज्यसभा में पिछले सात दिन लगातार बाधित रहा और कोई कामकाज नहीं हुआ। धर्मांतरण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बुलाने की मांग को लेकर विपक्ष ने पिछले सप्ताह भी सदन को चलने नहीं दिया और इस सप्ताह भी कोई कामकाज होने नहीं दिया। जिसके कारण बीमा संशोधन विधेयक और लोकपाल संबंधी विधेयक पारित नहीं कराए जा सके।

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