केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी प्रकार की राजनीतिक विचारधाराओं पर बहस की वकालत करते हुए कहा कि जब मानवेंद्र नाथ रॉय के ‘रेडिकल ह्यूमैनिज्म’ पर बहस हो सकती है तो फिर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती जिसका केंद्र मनुष्य है।

The Speaker, Lok Sabha, Smt. Sumitra Mahajan, the Union Home Minister, Shri Rajnath Singh, the Union Minister for Finance, Corporate Affairs and Information & Broadcasting, Shri Arun Jaitley, the Minister of State for Culture (Independent Charge), Tourism (Independent Charge) and Civil Aviation, Dr. Mahesh Sharma and the Secretary, Ministry of Culture, Shri Narendra Kumar Sinha at the Birth Anniversary Celebrations of Pandit Deendayal Upadhyaya, in New Delhi on September 25, 2015.

 

श्री सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती समारोहों के उद्घाटन कार्यक्रम में यहां कहा कि उनका एकात्म मानववाद असल में एकात्म मानव दर्शन है, जो बहुत बड़ी दार्शनिक अवधारणा है। हर विचारधारा पर बहस होनी चाहिए इसे कुछ लोगों के इर्दगिर्द समेटना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मानवेंद्र नाथ रॉय के ‘रेडिकल ह्यूमैनिज्म’ पर बहस हो सकती है तो फिर एकात्म मानव दर्शन पर क्यों नहीं जिसके केंद्र में मनुष्य है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारत को जगदगुरू बनाने का सपना देखते थे और मोदी सरकार उस सपने को पूरा करने में जुटी है।

 

श्री सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री कृषि योजना और कौशल विकास योजना का मकसद पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा के तहत गरीबों को स्वावलंबी बनाना है। वह हर हाथ को काम और हर खेत को पानी की बात करते थे। उन्होंने कहा कि देश के सभी लोगों को नौकरी देना संभव नहीं है लेकिन उन्हें हुनरमंद बनाया जा सकता है।
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार देश के गरीबों को बख्शीश देने में नहीं बल्कि उन्हें स्वावलंबी बनाने में यकीन करती है और वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की विचारधारा के तहत काम कर रही है। इस अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने राजनीति को नैतिकता से जोड़कर लाखों समर्पित कार्यकर्ता तैयार किए।

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