सुप्रीम कोर्ट द्वारा सहारा-बिड़ला डायरी रिशवतखोरी मामले में सुबूत  को नाकाफी मानते हुए जांच की याचिका ठुकराये जाने के बाद इस मामले में केस लड़ रहे प्रशांत भूषण ने कहा है कि अदालत के इस फैसले से भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को धक्का लगा है. मालूम हो कि इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी समेत अनेक नेताओं पर पैसे लेने के आरोप लगे थे.prashant.bhushan

प्रशांत भूषण ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया ट्वीट करके दी है जिसमें उन्होंने  कहा है कि इस मामले में जांच की अर्जी को ठुकरा दिये जाने से भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को नुकसान पहुंचा है.

वहीं इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि अदलात को  उस डायरी में नाम दर्ज करने वाले व्यक्ति और इस संबंध में ईमेल भेजने वालों के बारे में जांच का आदेश देना चाहिए था.

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब के मामले में एक डायरी में उनके साथ अनेक नेताओं का नाम था जिसमें कहा गया था कि सहारा के अधिकारियों ने उन्हें करोड़ो रुपये दिये थे. इसी डायरी के आधार पर राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि मोदी को इन आरोपों पर अपनी सफाई देनी चाहिए.

मालूम हो कि इनकम टैक्स की एक रेड में सहारा के ऑफिस से एक डायरी मिली थी, जिसमे कथित रूप से यह लिखा है कि 2003 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 25 करोड़ रुपये घूस दी गई थी. इस मामले में 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुबूत के अभाव में जांच की याचिका खारिज कर दी है.

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