इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउं पीठ ने प्रधानमंत्री की सांसद आर्दश ग्राम योजना की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए इसे रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आज निर्देश दिया। न्यायमूर्ति ए पी शाही और न्यायमूर्ति बीके सक्सेना की खंडपीठ ने नैतिक पार्टी के अध्यक्ष सीबी पांडे की याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

 

श्री पांडे ने याचिका में कहा है कि किसी कानून या संविधान में सांसदों के लिए विकास के वास्ते इस तरह से गांवों के चयन का कोई प्रावधान नहीं है। याचिका में कहा गया है कि एक गांव गोद लेने से दूसरे गांव के साथ भेदभाव होता है। यह योजना गैर कानूनी है। इसे समाप्त किया जाये।  खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता द्वारा जवाब देने के लिए समय मांगे जाने पर तीन सप्ताह का वक्त दे दिया।

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