भाजपा ने सीएम जीतनराम मांझी के बहाने नीतीश कुमार निशाना साधा। भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार सीएम के बयान में मौन धारण कर साबित कर दिय है कि मांझी नीतीश के इशारे पर बयान दे रहे हैं। उन्‍होंने नीतीश कुमार से पूछा कि क्या वह भी सवर्ण, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों को विदेशी मानते हैं।  पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बचाने के लिए लालू प्रसाद यादव की गोद में जाने के बाद श्री कुमार ने उन्हीं की तर्ज पर वोट बैंक के लिए समाज को बांटने की राजनीति शुरू कर दी।

 

श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबको साथ लेकर विकास के रास्ते पर चलना चाहते हैं। दूसरी ओर श्री कुमार मुख्यमंत्री मांझी को मोहरा बना कर समाज का सद्भाव बिगाड़ने में लगे हैं।  श्री मोदी ने कहा कि पहले लालू यादव एक तरफ रणवीर सेना और दूसरी तरफ उग्रवादी संगठनों को हवा देकर 15 साल तक सत्ता पर कब्जा बनाये हुए थे।  आज एक ओर मुख्यमंत्री मांझी दलित-आदिवासी वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ उनकी पार्टी के कुछ नेता श्री मांझी पर दिखावटी हमले कर समाज के दूसरे वर्गों की आंख में धूल झोंकना चाहते हैं।

 

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू दो भागों में बंट गई है। एक जदयू नीतीश और दूसरा जदयू मांझी। इस लड़ाई में बिहार का विकास ठप हो गया है। उन्होंने कहा कि श्री मांझी के बयानों और उनकी नाकामियों से राज्य की छवि खराब हो रही है। मुख्यमंत्री कभी एक वर्ग को विदेशी बताते हैं तो कभी बिना सच का पता लगाये छुआछूत बरतने का आरोप लगा देते हैं।  श्री मोदी ने कहा कि 28 सितम्बर को उन्होंने आरोप लगाया था कि मधुबनी के जिस देवी मंदिर में वह दर्शन करने गए थे। उसे छुआछूत की भावना के कारण उनकी यात्रा के बाद धोया गया था। इस मामले की जांच मुख्यमंत्री ने प्रमंडलीय आयुक्त को सौंपी थी, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।

By Editor