पिछले दिनों दिल्ली में डा. पंकज नारंग की पीट-पीट कर की गयी हत्या निंदनीय है. इसके गुनाहगारों को सजा मिले. ये हिंदू हों या मुसलमान. पर उन गद्दारों को क्यों नहीं सजा हो जिन्होंने इस हत्याकांड को मुस्लिम बनाम हिंदू बनाने की साजिश की.

 (फोटो डाक्टर नारंग) एबीपी लाइव
(फोटो डाक्टर नारंग) एबीपी लाइव

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

the Frustrated Indian नामक वेबसाइट ने इस मामले में जहर डालने की कोशिश की. और इसके बाद सोशल मीडिया पर देश को तबाह करने वाले गद्दारों की फौज उमड़ पड़ी. देखते-देखते इस मामले को इस तरह अफवाह में बदल दिया गया और तमाम दस हत्यारों को बांग्लादेशी मुसलमान करार दे दिया गया.

 मोनिका भारद्वाज को सलाम 

इस देश को 2008 बैच की आईपीएस अफसर को सलाम करना चाहिए. उन्होंने जंगल की आग की तरह फैल रही अफवाह पर काबू पाने के लिए एक ट्विट किया और सच्चाई बता दी. मोनिका भारद्वाज दिल्ली की डीसीपी( वेस्ट) हैं. उन्होंने ट्विट कर लिखा कि 9 आरोपियों में से पांच हिंदू हैं और चार मुसलमान. इतना ही नहीं नारंग की हत्या के आरोपी यूपी के हैं, न कि बांग्लादेश के. मोनिका के इस ट्विट के बाद इन्ही गद्दारों ने उन्हें रांड तक कहा. भद्दी गालियां दीं.

लेकिन देश की इस सपूत अफसर ने देश को जलने से बचा लिया. इतना ही नहीं खुद डा. नारंग के रिश्तेदार तुषार नारंग सामने आये और उन्होंने इसे साम्प्रदायिक रंग देने वालों को आड़े हाथों लिया. तुषार ने the Frustrated Indian  की खबर पर भी प्रतिक्रिया दी और काफी परिपक्वता से कहा कि इस वेबसाइट को खबर लिखना चाहिए, अफवाह नहीं. ध्यान रहे कि इस वेबसाइट ने बाद में इस पोस्ट को हटा लिया.

गद्दारी में मीडिया का एक वर्ग भी शामिल

इस से पहले मीडिया के एक वर्ग ने यह खबर आग की तरह फैला दी कि नारंग की हत्या करने वाले  बांग्लादेशियों को यह बात पची नहीं कि भारत ने बांग्लादेश को हरा दिया और इसी क्रोध में उन्होंने डाक्टर नारंग की हत्या कर दी.

अब सवाल यह है कि बात-बात पर गद्दार और देशद्रोही की रट लगाने वाले कुछ लोग ही असल में इस देश की एकता, अखंडता, समरसता और भाईाचारे के दुश्मन हैं. ये वही लोग हैं जो भारत में आग लगाना चाहते हैं. ये वही लोग हैं जो भारत में नफरत की आग लगा कर देश को टुकरे-टुकरे करना चाहते हैं. दर असल यही लोग इस देश के ग्द्दार हैं. और इस गद्दारी को हवा देने वाले कुछ मीडिया घराने हैं.

मिसालें और भी हैं…

तो गद्दारों जरा कान खोल कर सुन लो. तुम्हारी गद्दारी का जवाब यह देश बखूबी देना जानता है. तुम ने दो-ढाई साल पहले रांची में लवजिहाद का जहर बोया. इसके लिए एक लड़की को सामने लाये लेकिन मात्र दो महीने में हकीकत सामने आ गयी और तुम्हारी अफवाहबाजी टांय-टायं फिस हो गयी. इसी तरह तुम ने दादरी में पिछले साल बकरीद के मौके पर अखलाक नामक बुजुर्ग के घर में बीफ होने की अफवाह उड़ाई. अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी. लेकिन जांच के बाद हकीकत खुली और पता चल गया कि अखलाक के घर के फ्रिज में रखा गोश्त, गाय का नहीं ब्लकि बकरे का था. इसी तरह तुमने घर वापसी का अभियान चलाया. उत्तर प्रदेश के गरीब मुसलमानों को पैसे और घर का लालच दे कर तुमने उन्हें धोखे में रख कर धर्म परिवर्तन कराने की साजिश रची. लेकिन हफ्ते दो हफ्ते में ही उन गरीब मुसलमानों ने तुम्हारे षडयंत्र की हवा निकाल दी.

देना होगा मुंहतोड़ जवाब

देश के ऐसे गद्दारों की ये आखिरी हरकत नहीं है. ये फिर सर उठायेंगे. क्योंकि इनकी रणनीति ही देश को टुकरे-टुकरे करके कमजोर करने की है. इसलिए देश के तमाम वफादारों का यह फर्ज है कि वे ऐसे गद्दारों को पहचानने में और उन्हें बेपर्दा करने में थोड़ा भी देर न करें. क्योंकि हमें देश को बचाना है. मजबूत करना है. आगे बढाना है. और यही इन गद्दारों को पसंद नहीं.

By Editor