उच्चतम न्यायालय ने बिहार के तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी उपाध्यक्ष विश्वेश्वर ओझा हत्याकांड के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने और उन्हें हिरासत में रखने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है। 


न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नज़ीर की पीठ ने हत्याकांड की इत्तिला देने वाले राजनाथ ओझा के वकील अखिलेश कुमार पांडेय की दलीलें सुनने के बाद हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने का राज्य सरकार को आदेश दिया।
न्यायालय ने गत सोमवार को अपने आदेश में कहा,“ राज्य सरकार के वकील ने माना है कि शीर्ष अदालत के 14 सितम्बर 2018 के आदेश के बावजूद तीनों आरोपी-बसंत मिश्रा, उमाकांत मिश्रा और टुन्नी मिश्रा- को गलत तरीके से रिहा किया गया है।” पीठ ने कहा, “इसलिए हम तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करके हिरासत में रखने का प्रतिवादी राज्य को निर्देश देते हैं।” शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत के गत वर्ष के आदेश के बावजूद सत्र अदालत ने तीनों आरोपियों को अलग-अलग समय पर जमानत पर रिहा कर दिया था। भाजपा के तत्कालीन उपाध्यक्ष विश्वेश्वर ओझा की 12 फरवरी 2016 को भोजपुर जिले के शाहपुर पुलिस स्टेशन अंतर्गत सोनबरसा बाजार में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।

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