मोदी सरकार की कैबिनेट द्वारा सवर्णों को 10 % देने के फैसले के बाद राजनीति पारा गरम हो चुका है। पहले ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इसे कम बता चुके हैं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसका आधार पूछा है। अब बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राजद और कांग्रेस को घेरा है।

सुशील मोदी
नौकरशाही डेस्क
सुशील मोदी ने पूछा है कि राजद, कांग्रेस सहित यूपीए के तमाम घटक दल बतायें कि क्या वे सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केन्द्र सरकार के निर्णय व कल संसद में आ रहे बिल का समर्थन करेंगे या विरोध?  70 साल में 45 साल तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस हमेशा सवर्णों का वोट तो लेती रही मगर उन्हें आरक्षण नहीं दी।
मोदी ने कहा कि जस्टिस सिन्हो समिति ने 2010 में ही सवर्णां को आरक्षण देने की अनुशंसा की थी मगर तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार हिम्मत नहीं जुटा पाई।
 केन्द्र सरकार सामान्य वर्ग के ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार व कायस्थ समाज के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए बजाप्ता संविधान की धारा 14 व 15 में संशोधन कर आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ा कर 60 प्रतिशत करने जा रही है, जबकि नरसिम्हा राव की सरकार ने बिना संविधान संशोधन के सामान्य वर्गों को आरक्षण देने का महज नाटक किया था जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछड़ों के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को पुनर्स्थापित किया। अब समान्य वर्गों के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐतिहासिक फैसला किया है।
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र की वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश के चहुमुखी विकास के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का मिसाल कायम की है जिसका प्रमाण आज केन्द्रीय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया निर्णय है। क्या कांग्रेस, राजद सहित तमाम यूपीए के घटक दल प्रधानमंत्री के इस निर्णय का स्वागत करेंगे?
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बता दें कि तेजस्वी यादव ने इस मामले में कहा था कि

अगर 15 फ़ीसदी आबादी को 10% आरक्षण तो फिर 85 फ़ीसदी आबादी को 90% आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए। 10% आरक्षण किस आयोग और सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर दिया जा रहा है? सरकार विस्तार से बतायें।
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By Editor