राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने एक बार फिर भागलपुर सृजन घोटाले पर हमला बोला. मंगलवार को पटना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नीतीश कुमार सृजन घोटाला में मुख्य आरोपी हैं. नीतीश को इसका जवाब जनता को देना होगा. इसके बाद उन्‍होंने ट्वीटर के जरिए भी नीतीश कुमार को निशाने पर लिया और लिखा कि BJP से deal के मुताबिक़ CBI नीतीश पर FIR दर्ज नहीं कर रही है. हमारे पास संलिप्तता से संबंधित सभी काग़ज़ात मौजूद है.

नौकरशाही डेस्‍क

लालू ने आरोप लगाया कि 10 जुलाई से 29 जुलाई तक चार बार चेक बाउन्स हुआ. सरकार की मनुहार के बावजूद सृजन के लोग सरकारी ख़ज़ाने का रुपया लौटाने को तैयार नहीं थे. यह बात दिल्ली में बैठे BJP के शीर्ष नेताओं को लग चुकी थी. नीतीश के पास करारा संदेश भेजा गया. इसी दौरान नीतीश चंद मिनटों के सरकारी कार्यक्रम के बहाने दिल्ली प्रवास करने लगे. इस दौरान वो चार बार दिल्ली गए. भाजपा आलाकमान ने नीतीश को दो ऑप्शन दिए. जेल जाने का और महागठबंधन तोड़ने का. नीतीश ने बीजेपी को चुना और अब बीजेपी से हुई डील के मुताबिक, सीबीआई नीतीश पर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है. हमारे पास संलिप्तता से संबंधित सभी काग़ज़ात मौजूद हैं.

उन्‍होंने पूछा कि  जब 2008 के रिपोर्ट में कैग ने घोटाले के बारे में रिपोर्ट दिया था, तब इसे क्यों नहीं रोका गया? क्यों 2008 से 2017 तक सरकारी खजाने की लूट होती रही? सरकार को सृजन घोटाला की जानकारी थी_ 2006 में ही भागलपुर के तात्कालिक डीएम ने सृजन को होने वाला पेमेंट रोक दिया था] फिर किसके आदेश पर फिर से पेमेंट शुरू किया गया? अब नीतीश कुमार को जनता के बीच जा‍कर इन सवालों का जवाब देना चाहिए.

 

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