मुज़फ़्फ़रपुर एसएसपी हरप्रीत कौर के तबादले पर नेता विपक्ष तेजस्वी यादव के बाद अब मधेपुरा सांसद पप्पू यादव ने भी सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि पूर्व मेयर समीर कुमार हत्या कांड में बड़ी मछली को बचाने के लिए सरकार ने हरप्रीत कौर का तबादला कर दिया. यह ठीक उसी शराब की बोतल की तरह है, जिसका सिर्फ लेवल बदल दिया गया हो. 

नौकरशाही डेस्क

मालूम हो कि बीते 6 सितम्बर को सवर्ण द्वारा भारत बंद के दौरान सांसद ने खुद पर हमले में शामिल होने की साजिश में एसएसपी हरप्रीत कौर को भी आरोपी बना दिया था और लव लेटर जैसे विवादत बयान दिए थे. तब कौर ने भी उनपर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया के जरिये सांसद पप्पू यादव के आरोपों को निराधार बताया था और कहा था कि पुलिस का काम हत्या करना नहीं होता है, ये उन्हें समझना चाहिए. उस वक़्त पप्पू यादव ने हरप्रीत कौर के खिलाफ सांसद का विशेषाधिकार का प्रयोग करने की भी बात कही थी.

लेकिन अब जब उनका ट्रांसफर समस्तीपुर एसपी के पद पर राज्य सरकार ने कर दिया है, तब पप्पू यादव ने उनके ट्रांसफर को लेकर सरकार के रवैये पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र में लीडर की नीयत, नीति और विश्वनीयता काफी मायने रखती है. इसका असर प्रशासन के निर्णय और एक्शन पर भी पड़ता है. यही वजह है कि जब लीडरशिप कमजोर हो और जन तंत्र का महत्व समाप्त हो जाये, तब शासन -प्रशासन का काम करना मुश्किल हो जाता है. साथ ही ये जनहित के कामों से दूर हो जाते हैं, जो बिहार में IAS और डीएसपी के तबादले में देखा गया है.

उन्होंने कहा कि जब समाज और इंसानियत के बीच सत्ता का घिनौना खेल खेला जाय, तब प्रशासन को भी काम करने में मुश्किलें आती हैं. सांसद ने कहा कि बिहार में क्राइम अच्छे अधिकारियों के तबादले से नहीं रुकेगा. उसके लिए सरकार में इक्षा शक्ति होना चाहिए. मगर, सरकार ही जब अपराधियों के समक्ष याचक बन जाये और उनसे 15 दिन तक क्राइम न करने की अर्जी दी, तब प्रशासन क्या करेगा और क्या हश्र उस प्रदेश का होगा. सांसद ने ये भी कहा कि आज बिहार में अपराधियों का जितना बोलबाला है, उतना पाकिस्तान में जिहादियों का नहीं है.

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