राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे की मूर्ति लगाने के लिए हिन्दू महासभा द्वारा मेरठ में किए गए भूमि पूजन को राजद्रोह करार देते हुए रिहाई मंच ने प्रदेश सरकार से हिन्दू महासभा को तत्काल प्रतिबंधित करने की मांग की है।  मंच ने मांग की है कि इसी संगठन से वास्ता रखने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ, जिनके द्वारा 2007 में गोरखपुर में सांप्रदायिक भाषण देने के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी,  की सीडी की जांच में आवाज की पुष्टि के बाद आदित्यनाथ को तत्काल गिरफ्तार करते हुए उनके संगठन हिंदू युवा वाहिनी को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए।

लखनऊ से परवेज आलम

 

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा है कि केन्द्र में भाजपा सरकार आने के बाद जिस तरह से स्वतंत्रता आंदोलन से गद्दारी करने वाले संघ गिरोह के नेताओं को महिमामंडित किया जा रहा है। उसी कड़ी में हिंदू महासभा द्वारा नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगवाने की राजद्रोही कोशिश भी है। संघ को यह भ्रम हो गया है कि राष्ट्रपिता के हत्यारे की मूर्ति लगवाकर वह उस द्रेशद्रोही गोडसे को राष्ट्रनायक साबित कर लेगी। उन्होंने कहा कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे को नेस्तानाबूत करने में लगे इन हिन्दुत्वादी संगठनों को कथित सेक्यूलर दल भी पालते पोसते हैं।

 

मोहम्मद शुऐब ने कहा कि भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ द्वारा 2007 में गोरखपुर में दिए गए भड़काऊ भाषण की आवाज सीबीसीआईडी जांच में योगी आदित्यनाथ की ही होने की जब पुष्टि हो गई है। तब ऐसे में यूपी सपा सरकार द्वारा उनकी गिरफ्तारी न करना साबित करता है कि वह भाजपा सांसद को सांप्रदायिकता भड़काने के लिए खुला सरंक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह से वरुण गांधी को भी बरी करवाने में सपा का कुनबा लगा था।

 

रिहाई मंच आजमगढ़ प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी और तारिक शफीक ने कहा है कि कथित तौर पर इंडियन मुजाहिदीन द्वारा 2008 में अहमदाबाद में किए गए बम विस्फोटों की जिम्मेदारी लेने वाले मीडिया को भेजे गए ईमेल के आरोप में महाराष्ट्र के जिन 23 लड़कों को पकड़ा गया था, का मकोका केस से बरी हो जाना इस बात का सबूत है कि खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां खुलकर सांप्रदायिक मानसिकता के तहत काम करती हैं। ऐसे में इन बेगुनाहों का जीवन बर्बाद करने वाले पुलिस और खुफिया अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा दंडित करते हुए निर्दोषों के पुर्नवास का पुख्ता इंतजाम किया जाए।

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