अती पसमान्दा मुस्लिमों को फर्जी सेक्युलर दलों से बचना ज़रूरी

पसमान्दा मुस्लिम समाज के प्रदेश कार्यालय तहजीब हाउस पटना में आपात बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता गुलाम सरवर आजाद चीक ने की और मुख्य अतिथि पसमान्दा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. डॉ. फिरोज मंसूरी थे. बैठक का संचालन पसमान्दा मुस्लिम समाज व राष्ट्रीय मंसूरी महापंचायत के झारखंड प्रभारी अलाउद्दीन मंसूरी ने किया।

बैठक में 26 नवंबर को पूरे प्रदेश में संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए प्रोफेसर डॉ. फिरोज मंसूरी ने कहा कि वर्तमान समय अती पसमान्दा का है अब देश की सत्ता की चाबी उन्हीं के पास है। यदि वह बुद्धि से एक होकर,भावना के स्थान पर दूरदर्शिता का परिचय दे, किसी भी फर्जी सेक्युलर पार्टी और कट्टरवादी पार्टी से दूर रहे, तो वह वक्त का सिकंदर सिद्ध होगा ।

उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता की विचारधारा राजनीति में सत्ता हासिल करने का केवल एक फार्मूला है, पिछले 50 वर्षों से अती पसमान्दा को ठगा जा रहा है, अब उन्हें सबक सिखाने का समय आ गया है और अगर हम कोई कड़ा फैसला नहीं लेते हैं हमारा अस्तित्व नहीं रहेगा, इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर अती पसमान्दा मुसलमानों को भारतीय राजनीति को नए नजरिए से देखना शुरू करना चाहिए.

अपने अध्यक्षीय भाषण में गुलाम सरवर आजाद चीक ने कहा कि जिस तरह कांग्रेस ने दलित मुस्लिम आरक्षण के नाम पर आयोग बनाकर बेवकूफ बनाया वर्तमान भाजपा सरकार भिज वही कर रही है। हमें अनुसूचित जाति का दर्जा चाहिए, आयोग नहीं, अगर भाजपा पसमान्दा के साथ न्याय करना चाहती है तो पहले चुनाव में अति पसमान्दा को टिकट दें राष्ट्रीय मंसूरी महापंचायत के झारखंड प्रभारी अलाउद्दीन मंसूरी ने कहा कि लोकसभा में अति पसमान्दा को जो दल टिकट देगी उनके विकास को लेकर ठोस पहल करेगी पसमान्दा उन्ही को सत्ता में लायेगी।

बैठक प्रदेश अध्यक्ष सोहैल मंसूरी कोषाध्यक्ष सैफ आलम मंसूरी लुकमान मंसूरी अहमद हुसैन मंसूरी अली अहमद मंसूरी गुड्डू सांई मुन्ना खलीफा ने भी संबोधित किया।

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