JDU) से बड़ी खबर है कि आरसीपी सिंह को पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया है. आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेता हैं.

‘आरसीपी टैक्‍स’ को लेकर अक्‍सर बिहार में विपक्ष नीतीश कुमार को घेरती रही है. अब इस शब्‍दावली पर खुद आरसीपी सिंह ने चुटकी ली है. उन्‍होंने कहा है कि टैक्स के बारे में पढ़ा है,लेकिन इसकी जानकारी नहीं. अगर टैक्स लिया जाता है, तो हमको भी मिलना चाहिए.

नौकरशाही डेस्‍क

बता दें कि आरसीपी सिंह सीट शेयरिंग पर बात कर रहे थे, जिसमें उन्‍होंने कहा कि जदयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सह बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में भाजपा नेताओं से बात करेंगे. वे सीट बंटवारे पर अंतिम मुहर लगाने गए हैं. इस दौरे में सीट बंटवारे की बात तय हो जाएगी. वहीं, आरसीपी सिंह ने सीट शेयरिंग पर महागठबंधन में जीतनराम मांझी की मांग को जायज बताया और कहा कि वे पूर्व सीएम हैं. इसलिए उनको 20 सीटें मिलनी चाहिए.

इसी बीच उन्‍होंने आरसीपी टैक्‍स पर चुटकी ली. इस पर राजद ने भी पलटवार किया. राजद नेता विजय प्रकाश ने पूछा कि किसको सफाई दी रहे आरसीपी सिंह. पीके के आने के बाद दो नंबर की कुर्सी खतरे में पड़ी. पीके के आने के बाद ही क्यों दे रहे हैं सफाई. चाहे जो कर लें आरसीपी, अब पहले जैसी स्थिति नहीं रहेगी.

मालूम हो कि विपक्ष की ओर से नीतीश सरकार पर इस टैक्‍स के आरोप लगते रहे हैं और कहा जाता है कि नीतीश कुमार के करीबी और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह के नाम पर ही प्रदेश में आरसीपी टैक्स वसूला जा रहा है. जब तक बिहार में आरसीपी टैक्स नहीं दिया जाता है, किसी का कोई काम नहीं होता है. खुद नेता विपक्ष तेजस्‍वी यादव भी कह चुके हैं कि जब तक बिहार में आरसीपी टैक्स लागू रहेगा, तब तक प्रदेश में कोई विकास या निवेश नहीं हो सकता. नीतीश कुमार को पहले प्रदेश को आरसीपी टैक्स से मुक्त कराना चाहिए.

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