अयोध्या में विवादित भूमि हिंदुओं को न मिलने पर भारत में सीरिया( गृहयुद्ध) जैसे हालात बनने की बात कहके आलोचना झेल रहे श्री श्री रविशंकर ने एक ताजा इंटर्व्यू में गुस्सा कर माइक हटा दिया है.

यह साक्षात्कार द वायर हिंदी के लिए आरफा खानम ने लिया है.

आरफा खानम के कड़े सवालों से रविशंकर ने अपने कुर्ते पर लगे माइक हटाने लगे इसी बीच उनके समर्थकों ने आरफा खानम को रोका और सवाल ना करने को कहा. आरफा ने कहा कि कम से कम उन्हें शुक्रिया कहने का मौका दे दें.

इस साक्षात्कार में उनसे पूछा गया कि कोर्ट अयोध्या विवाद को जमीन का मालिकाना हक का विवाद कहता है लेकिन आप इसे आस्था का मामला मानते हैं. आप बतायें कि देश आस्था से चलेगा या कानून से चलेगा?  इस सवाल पर श्री श्री ने अपने कुर्ते से माइक हटा दिया. आरफा ने पूछा  कि आपने इंडिया टुडे को दिये इंटर्व्यू में सीरिया जैसे हालात भारत में बनने की बात कही. इस पर रविशंकर ने सफाई दी कि हमारे कहने का वह मतलब नहीं था. हम कहना चाहते थे कि अदालत का फैसला किसी एक के पक्ष में आयेगा इससे कुछ लोग हारा हुआ महसूस करेंगे. इस पर उनसे पूछा गया कि तो क्या अदालत को आस्था के आधार पर फैसला करना चाहिए. तो वह इस सवाल पर भी असहज हो गये.

यह साक्षात्कार बीच बीच में दो बार रोका गया.

इस साक्षात्कार के बाद द वायर के संपादक सिद्धार्थ बर्द्धराजन ने कहा कि स्प्रिचुअल गुरू का बयान खतरनाक है. इस तरह के बयान से देश में अशांति फैलने का खतरा है.

दर असल श्री श्री ने अपने पहले के एक साक्षात्कार में कहा था कि अगर अयोध्या की जमीन हिंदुओं को नहीं मिली तो भारत में सीरिया जैसे हालात हो सकते हैं. उनका इशारा गृहयुद्ध की तरफ था.

 

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