अस्पताल प्रबंधन के वरिष्ठ आचार्य, प्रसिद्ध समाजसेवी तथा पत्रकार प्रो अनिल साह नहीं रहे। बुधवार को तड़के हृदय-गति रूक जाने से, 72 वर्ष की अवस्था में उनका निधन हो गया। उन्होंने कुर्जी स्थित अपने आवास पर अपनी अंतिम सांस ली। स्वर्गीय साह कैथोलिक एसोशियन औफ़ इंडिया के उपाध्यक्ष और सार न्यूज के प्रतिनिधि के अतिरिक्त बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के भी सदस्य तथा जय प्रभा अस्पताल के प्रशासी पदाधिकारी भी रह चुके थे।sah

 

 

वे बिहार में अस्पताल-प्रबंधन की शिक्षा के आरंभकर्ता माने जाते थे। विगत 25 वर्षों से वे इंडियन इंस्टिच्युट औफ़ हेल्थ एजुकेशन ऐंड रिसर्च के अस्पताल प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।  उनके निधन पर आज हेल्थ इंस्टिच्युट में एक शोक-गोष्ठी संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि स्वर्गीय साह एक अत्यंत मृदु-भाषी, समाज से आत्मीय सरोकार रखनेवाले आध्यात्मिक और उच्च-श्रेणी के आचार्य थे।

 

वे इस संस्थान के संस्थापक-सदस्यों में थे। इसकी स्थापना और उन्नति के लिये उनके कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। शोक-गोष्ठी में डा अनुप कुमार गुप्ता, डा रामानुज प्रसाद, डा असगर अली खान, डा प्रभात कुमार, आकाश सुलभ, अभिजीत पाण्डेय और आभास कुमार सहित, सैकड़ों की संख्या में शिक्षक व छात्रगण उपस्थित थे। दिवंगत आत्मा की शांति हेतु दो मिनट की मौन-प्रार्थना के पश्चात शोक में संस्थान को आज के लिए बन्द कर दिया गया। स्वर्गीय साह के पार्थिव शरीर को गुरुवार को दिन में 11 बजे, कुर्जी पल्ली स्थित कब्र-गाह पृथ्वी को सुपूर्द कर दिया जायेगा। उनके परिवार में उनकी पत्नी और वरिष्ठ शिक्षिका स्टेला साह, उनके पुत्र सेसिल और राजन साह तथा तीन पुत्रियां समेत नाती-पोते शामिल हैं।

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