विकास का सारा खेल आंकडों में होता है। विकास के दावे से लेकर विकास की नाकामी तक सभी आंकड़ों में बताये जाते हैं। विधान सभा में राज्‍यपाल का अभिभाषण हो या वित्‍तमंत्री सुशील मोदी का आर्थिक सर्वेक्षण, सब आंकड़ों का बीज गणित है। कई बार आंकड़े अपच और असहज भी हो जाते हैं। इसी असहजता के शिकार आज राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक भी हो गये। ‘असहजता’ पर बहस हो सकती है, लेकिन आंकड़ों को पढ़ने में राज्‍यपाल की असहजता जरूर दिखी।

 वीरेंद्र यादव 

विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत में राज्‍यपाल ने दोनों सदनों की संयुक्‍त बैठक को संबोधित किया। करीब 58 मिनट के संबोधित में राज्‍यपाल को पानी पीने के जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन कई बार राज्‍यपाल अंकों और कठिन शब्‍दों के उच्चारण में अटकते रहे। राज्‍यपाल का अभिभाषण सरकार की ‘विकास गाथा’ था, परंपरा भी यही है। विकास आंकड़ों में दिखाना पड़ता है। आंकड़े होंगे तो अंक भी होंगे। लेकिन अंकों को पढ़ने में कई पर राज्‍यपाल अटक गये। जब वे 239 अंक का सही उच्‍चारण नहीं कर पाये तो उन्‍होंने पढ़ा- एक कम दो सौ चालीस। कुछ कठिन शब्‍दों के उच्‍चारण में भी उन्‍हें परेशानी हुई। अभिभाषण के बाद राज्‍यपाल सदन से बाहर आ रहे थे तो राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा – लोकदल वाला ‘स्‍टेमिना’ है, लगातार एक घंटा बोलते रहे बिना पानी पिये। इतना दम भाजपा वालों में कहां है।

उधर वित्‍त मंत्री सुशील कुमार मोदी भी आर्थिक सर्वेक्षण के मर्म आंकड़ों में समझाते रहे। 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को सत्‍ता से बेदखल कर दिया था, लेकिन जुलाई 2017 में ‘अंतरात्‍मा’ जगने के बाद फिर से भाजपा को सत्‍ता में शामिल कर लिया। वित्‍त मंत्री ने बताया कि उन्‍होंने 2006 में पहली बार राज्‍य में बजट के पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने की परंपरा शुरू की थी। आज उन्‍होंने नौवां आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव भी अपनी टीम के साथ सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में दिखे। काफी देर तक रणनीति बनाने के बाद तय हुआ कि राज्‍य में गिरती कानून व्‍यवस्था के खिलाफ राजभवन मार्च किया जाएगा। सदन की कार्यवाही स्‍थगित होने के बाद राजद के विधायक राजभवन मार्च के लिए निकले। उधर पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी अपने कक्ष में सदस्‍यों के साथ चर्चा कर रही थीं। इसी दौरान किसी ने कहा कि जीतनराम मांझी ने तो एनडीए को झटका दिया है। इस पर राबड़ी देवी बोलीं- वे अपना सौदा करना चाहते हैं। उनकी बात का कोई भरोसा नहीं है। पहले कुछ बोलेंगे और घंटा भर बाद बदल जाएंगे। संसदीय कार्यमंत्री और मुख्‍य सचेतक श्रवण कुमार भी अपने कक्ष में बैठकर पार्टी विधायकों से चर्चा में व्‍यस्‍त रहे।

विधान परिषद में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय रजनीश कुमार के कक्ष में कुछ परिषद सदस्‍यों के साथ बैठे थे। उन्‍होंने हमारा परिचय उत्‍तर प्रदेश के एक विधायक संजय यादव से करवाया। वे बलिया जिले के सिकंदरपुर से भाजपा के विधायक हैं। बाद में संजय यादव ने बताया कि वे देवरिया (संभवत:) जिले के रहने वाले हैं और जिले से बाहर जाकर चुनाव जीते हैं।

(तस्वीर: सीनियर फोटो जर्नलिस्ट सोनू किशन के सौजन्य से)

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