अनिल के बारे में बीएसएससी को कोई जानकारी नहीं, एक महीने से ज्यादा हो गये आॅफिस आये

-अनिल के बारे में बीएसएससी को कोई जानकारी नहीं, एक महीने से ज्यादा हो गये आॅफिस आये

नौकरशाही डेस्क, पटना

अनिल के बारे में बीएसएससी को कोई जानकारी नहीं, एक महीने से ज्यादा हो गये आॅफिस आये
अनिल के बारे में बीएसएससी को कोई जानकारी नहीं, एक महीने से ज्यादा हो गये आॅफिस आये

आखिर बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अफसर ऑन स्पेशल ड्यूटी यानी ओएसडी सीके अनिल कहाँ हैं? अभी अभी दो दिन पहले ही सामान्य प्रशासन विभाग ने उनकी छुट्टी फिर से कैंसिल कर दी है. अब सवाल उठ रहे हैं की वे सामने क्यों नहीं आ रहे हैं? बीएसएससी पेपर लीक प्रकरण में उनपर अपरोक्ष तौर पर सुधीर कुमार की मदद करने के आरोप लगने के बाद से ही उनके बारे में ऑफिस को कोई भी जानकारी नहीं है. ना तो गुरुवार की शाम में चेयरमैन की कमान संभालने वाले संजीव कुमार सिन्हा को इसकी कोई जानकारी है ना ही वहां के किसी अन्य कर्मचारी को ही इस बात का पता है. 22 फरवरी को उनको अंतिम बार इस दफ्तर में देखा गया था. उसके बाद वे इस कार्यालय में नहीं आ सके हैं. नये अध्यक्ष ने कहा कि उनको जो कर्मचारियों की सूची मिली है उसमें सीके अनिल के बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन बोर्ड यहां पर लगा हुआ है जो बता रहा है कि वे ही ओएसडी हैं. आयोग में आइएएस सीके अनिल के अलावा दो और ओएसडी बिहार प्रशासनिक सेवा के नियुक्त थे. अगस्त 2015 के बाद एक ओएसडी को ट्रांसफर कर दिया गया. अब मनोज कुमार यहां पर दूसरे ओएसडी तैनात हैं. मनोज कुमार कहते हैं कि उनके यहां ज्वाइन करने के पहले सीके अनिल सर ज्वाइन कर चुके थे.
अपने नहीं, सुधीर कुमार के चैंबर में बैठते थे सीके अनिल

बिहार कर्मचारी चयन आयोग के दफ्तर में बतौर ओएसडी कार्यरत आइएएस सीके अनिल का चैंबर आयोग कार्यालय में है, लेकिन वे अपने चैंबर में नहीं बल्कि चेयरमैन सुधीर कुमार के ही चैंबर में बैठते थे. वे जब भी कार्यालय में आते थे तो या तो सुधीर कुमार पहले से ही मौजूद होते थे नहीं तो वे साथ में ही आते थे. यही कारण है कि उनका खुद का चैंबर अभी भी वीरान पड़ा हुआ है. सीके अनिल के चैंबर को देख कर लगता है कि वहां पर ना तो कोई पहले आते थे ना ही रेगुलर वहां बैठकें ही होती थी. कोई फाइल और कोई कंप्यूटर आदि भी चैंबर में नहीं लगा हुआ है. केवल दो कुर्सियां, एक टेबल और इमरजेंसी लाइट के लिए इन्वर्टर लगा हुआ है.

By Editor