केंद्र व राज्‍य सरकारों द्वारा महिला उत्‍पीड़न की घटनाओं पर अंकुश के लिए नयी-नयी कोशिश की जा रही है। नये कानून बनाये रहे हैं। इसके बावजूद ऐसी घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि चालू वर्ष में अब तक देश में 25 हजार बलात्कार के मामले दर्ज किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में हुये निर्भया कांड के बाद से महिलाओं की सुरक्षा के लिए राजधानी में कडे कदम उठाये गये हैं। अब तक राजधानी के दो हजार बसो में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा चुके हैं और सभी निजी टैक्सियों और बसो में जीपीएस लगाने की तैयारी चल रही है।rajnath

 

श्री सिंह ने कहा कि निगरानी के लिए तहत पीसीआर वैनों की संख्या बढाकर एक हजार कर दी गयी है और महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 की संख्या चार बढ़ाकर 10 कर दी गयी है और पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 की लाइनें पहले 60 थी, जिसे बढाकर एक सौ कर दी गयी है। राजधानी में अब तक तीन हजार सीसीटीवी कैमरे लगाये जा चुके हैं और 1550 लगाने की प्रक्रिया जारी है। श्री सिंह ने बताया कि राजधानी के 255 संवदेनशील सड़कों की पहचान की गयी है और उन पर पुलिस गश्त बढ़ा दी गयी है।

 

गृहमंत्री ने कहा कि इस तरह के मामलों के लिप्त अपराधियों का डाटाबेस बनाने का सुझाव मिला है, लेकिन राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो इस दिशा में काम शुरू कर चुका है। उन्होंने बताया कि निर्भया कोष से राष्ट्रीय स्तर पर महिला सुरक्षा के लिए 320 करोड़ रूपये की परियोजना संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि देश के 150 जिलों में इस तरह के अपराधों के लिए विशेष प्रकार की जांच इकाई बनायी गयी है। राजधानी के सभी 11 जिलों में त्वरित अदालतें बनायी जा चुकी हैं। राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के अपराधों में सजा का प्रतिशत 27 है, जबकि दिल्ली में यह 36 फीसदी है।

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